हाल के वर्षों में नोनी के सेहत से जुड़े फायदों और एंटीऑक्सीडेंट गुणों की तरफ सभी का ध्यान खींचा है। हालांकि, ज्यादातर नोनी के पेड़ को इसकी आकर्षक पत्तियों के लिए उगाया जाता है। नोनी के पत्तों का साग झारखंड, बिहार, बंगाल और उड़ीसा में खूब खाया जाता है। नोनी के पत्तों में फ्लेवोनॉइड, प्रोटीन, सैपोनिन और टैनिन होते हैं। ये विटामिन-ए, विटामिन-बी, विटामिन-सी, विटामिन-डी और विटामिन-ई से भरपूर होते हैं।
जिसके चलते नोनी के पत्तों का रस एंटी-बैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी-ऑक्सीडेंट और सूजन को कम करने में फायदेमंद होते हैं और डायजेशन बेहतर करने में भी मददगार है। तो आइए जानते हैं कि नोनी के पत्तों का रस किन बीमारियों या सेहत से जुड़ी समस्याओं में उपयोगी है।
नोनी के पत्तियों का रस याददाश्त में कमी की समस्याओं को ठीक करने में कारगर है। कमजोर याददाश्त के मरीजों पर किए गए रिसर्च स्टडी के मुताबिक, नोनी की पत्तियों के रस के सेवन से दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है और मेमोरी फंक्शंस को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।नोनी की पत्तियों का रस शरीर में शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है जिससे घाव जल्द भरने में मदद मिलती है।
नोनी के पत्तों का रस रोजाना पीने से लीवर को कई समस्याओं से बचाया जा सकता है। नोनी के पत्तों का रस लीवर पर हेपाटो-प्रोटेक्टिव इफेक्ट्स डालता है जो कि क्रोनिक एक्सोजेनस केमिकल्स से सुरक्षित रखते हुए लिवर डैमेज जैसी बड़ी बीमारियों से बचाता है।
नोनी की पत्तियों का रस धूप के चलते होने वाली लालिमा और सूजन को कम करता है। स्टडी से पता चलता है कि इसके पत्ते त्वचा पर सीधे इस्तेमाल के लिए सुरक्षित हैं और त्वचा के लिए अल्ट्रावॉयलेट किरणों से होने वाले नुकसान को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं। स्टडीज के मुताबिक, नोनी के पत्तों का रस एंथ्राक्विनोन से भरपूर होता है, जो स्किन में झुर्रियां बनने से रोकता है। इसके एंटी-बैक्टीरियल, सूजन कम करने वाले गुण सेलुलर स्तर पर काम करते हैं और मुंहासे, जलन, स्किन में होने वाली एलर्जी रिएक्शन को ठीक करने में उपयोगी होते हैं।
रिसर्च में सामने आया है कि नोनी के पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट तत्वों की मौजूदगी इसे इम्यूनिटी बूस्टर बनाती है। इसके पत्तियों को कच्चा चबाकर खाने से, साग बनाकर खाने से या रस पीने से बॉडी की टी और बी सेल्स की एक्टिविटीज बढ़ती है, जिससे शरीर में संक्रमण से लड़ने वाली श्वेत रक्त कोशिकाएं 50% ज्यादा बेहतर काम करती है।
वैज्ञानिक जांच में नोनी के पत्तियों के रस में एनाल्जेसिक लक्षणों के बारे में बताया गया है जो दर्द और संवेदनशीलता को कम करने में मदद करता है, जिससे गठिया की समस्या में राहत मिलती है। स्टडीज से यह भी बात पता चलती है कि नोनी रस के औषधीय गुण बाजार में मिलने वाली कुछ मशहूर एनाल्जेसिक दवाओं के बराबर है।
हाई ब्लड प्रैशर दिल की बीमारियों का सबसे बड़ा कारण है। नोनी के पत्तों में रुटिन की उच्च मात्रा होती हैं जो कि आमतौर पर चाय और सेब में पाया जाने वाला एक फ्लेवोनोइड है। इसके अलावा इसमें स्कोपोलेटिन होता है। ये दोनों ब्लड प्रैशर कम करने में हेल्पफुल है।
डायबिटिक लोगों को नोनी के पत्तियों का साग बनाकर खाने से बहुत फायदा हो सकता है। टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में नोनी की पत्तियां बहुत असरदार है। इसके पत्तियों का साग या रस का सेवन शरीर में ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन, सीरम ट्राइग्लिसराइड्स और लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह इंसुलिन सेंसेविटी को बढ़ाने में मदद करता है।