प्रयागराज
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके सहयोगियों के परिसरों से 75 लाख रुपये बरामद की हैं। उसके साथ-साथ लगभग 200 बैंक खातों और 50 फर्जी संस्थाओं से संबंधित कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बुधवार (12 अप्रैल) को अतीक अहमद से जुड़े 15 स्थानों पर ईडी के अधिकारियों ने छापेमारी में कई चीजें बरामद की। ईडी ने छापेमारी अतीक और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के तहत की है। ईडी ने कहा कि करीब 200 बैंक खातों और 50 फर्जी संस्थाओं से संबंधित जो दस्तावेज जब्त किए गए हैं, उनका इस्तेमाल जबरन वसूली, जमीन हड़पने और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जाता था।
ईडी ने कहा, "अतीक अहमद के करीबी सहयोगियों और फर्मों के नाम पर 100 से अधिक संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं। इन संपत्तियों के अतीक की बेनामी संपत्ति होने का संदेह है। छापमारी में 50 करोड़ रुपये से अधिक के नकद लेनदेन का भी पता चला है। किसानों से धमकी के माध्यम से खरीदी गई संपत्तियों (जबरन) के दस्तावेज भी पाए गए हैं।"
एजेंसी ने बुधवार को अतीक अहमद और उसके रिश्तेदार खालिद जफर, उसके वकील और साथी सौलत हनीफ खान, उसके सहयोगियों असद, वदूद अहमद, काली, मोहसिन, चार्टर्ड अकाउंटेंट सबीह अहमद, चार्टर्ड अकाउंटेंट आसिफ जाफरी, सीताराम शुक्ला (एकाउंटेंट) रियल एस्टेट डेवलपर्स संजीव अग्रवाल और दीपक भार्गव के परिसरों में छापेमारी की।
छापेमारी ऐसे समय में की गई जब अतीक अहमद को उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में एक स्थानीय अदालत में पेश करने के लिए गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया है। उमेश पाल और उसके दो पुलिस सुरक्षा गार्डों की हत्या के मामले में अतीक अहमद पर केस चल रहा है।