गंगापुर
जिला मुख्यालय पर एक मामले में बंद कैदी की सोमवार सुबह अचानक तबियत बिगड़ गई। आनन फानन में जेल प्रशासन कैदी को राजकीय अस्पताल गंगापुर सिटी लेकर पहुंचे जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना के बाद कैदी के परिजन भी अस्पताल पहुंच गए। परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जेल पर पथराव कर दिया। साथ ही नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। यहां अस्पताल में भी परिजन विभिन्न मांगों को लेकर अड़ गए और पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। दोपहर बाद प्रशासन द्वारा समझाइश कर, न्यायिक मजिस्ट्रेट से जांच कराए जाने के आश्वासन के बाद मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोनू बेरवा निवासी रुंडी का पूरा कुड़गांव पर बामनवास थाने से एक मामले में यहां जेल में बंद था। 4 जून को शाम के समय सोनू बैरवा ने जेल प्रशासन से तबीयत खराब होने की बात कही थी। इस पर जेल प्रशासन के द्वारा 5 जून को सोनू को राजकीय अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। इसी तरह 6, 7, 8 जून को भी रोजाना राजकीय अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया और जांच करवाकर दवा दिलाई गई। इसके बाद 9 जून को भी जब सोनू को आराम नहीं आया तो स्थानीय प्रशासन और जेल डॉक्टर द्वारा सोनू को जयपुर भेजने का निर्णय लिया गया। सोनू को इलाज के लिए 10 जून को सुबह जयपुर के एसएमएस अस्पताल ले जाया जाना था।
सोमवार सुबह जेलर सुखबीर सिंह और जेल स्टाफ ने बैरक खोलकर जब जांच की तो बैरक नंबर तीन में बंद सोनू ने जेल प्रशासन को तबीयत में सुधार नहीं होने की बात कही और इसके बाद जेल प्रशासन के द्वारा तत्काल सोनू को राजकीय अस्पताल लाया गया। लेकिन, यहां कुछ ही देर बाद में डॉक्टर ने सोनू को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मृतक के शव को राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया। वहीं प्रशासन के द्वारा सोनू के परिजनों को सूचना दी गई। कुछ ही देर में सोनू के परिजन भी जेल पहुंच गए लेकिन यहां सोनू की मौत की खबर सुनकर परिजनों में आक्रोश हो गया।
परिजनों की सूचना पर मृतक के अन्य रिश्तेदार और जान पहचान के लोग भी जेल पर पहुंच गए और इस दौरान आक्रोशित मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जेल पर पथराव शुरू कर दिया। जेल पर पथराव की सूचना पर उच्च अधिकारियों के निर्देश पर मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। बाद में परिजन सोनू की मौत पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आक्रोशित परिजनों ने नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।
परिजनों का कहना था कि जेल प्रशासन के द्वारा उन्हें एक बार भी सूचना नहीं दी गई कि सोनू की तबीयत खराब है। इस दौरान परिजनों ने मृतक का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया कि जब तक जेल प्रशासन के दोषी अधिकारियों को निलंबित नहीं किया जाएगा और उचित मुआवजा नहीं दिया जाएगा, सहित अन्य मांगे पूरी नहीं की जाएगी तब तक पोस्टमार्टम नहीं किया जाएगा। प्रशासन के द्वारा परिजनों से समझाइश कर दोपहर बाद शब का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया। इस मामले की जांच न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाएगी।