भोपाल
प्रदेश के फ्लायओवर, आरओबी और एलीवेटेड कॉरिडोर के नीचे की खाली जगह अब न अतिक्रमण की शिकार होगी न कचराघर में तब्दील होगी। राज्य सरकार इन स्थानों को न केवल बहुउपयोगी बनाएगी बल्कि इन स्थानों पर विज्ञापन लगाकर हर साल लाखों-करोड़ों रुपए की कमाई भी करेगी। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह का कहना है कि प्रदेश के सभी फ्लाईओवर और आरओबी तथा एलीवेटेड कॉरीडोर को अब विभाग बहुउपयोगी बनाएगा।
सामान्यत: इन संरचनाओं के नीचे उपलब्ध स्थान के लिए काई योजना नहीं बनाई जाती है। खास तौर पर शहरी क्षेत्रों में ये स्थान कचरा घर में तब्दील हो जाते है। अव्यवस्थित पार्किंग और अतिक्रमण की समस्या भी इनसे उत्पन्न होती है। इसका सीधा प्रभार उस शहर और उस क्षेत्र की सुंदरता और सुरक्षा पर भी पड़ता है। यदि इन स्थानों के संभावित उपयोग को ध्यान में रखते हुए छोटे-मोटे परिवर्तन किए जाए तो इन्हें बहुउपयोगी बनाया जा सकता है।
उन्होंने विभाग के आला अफसरों को निर्देशित किया है कि फ्लायओवर, एलीवेटेड कॉरिडोर और आरओबी के नीचे के रिक्त स्थानों को बहुउपयोगी बनाने के लिए डीपीआर स्तर पर ही योजना तैयार की जाए। डीपीआर दस्तावेज में इस विषय पर एक अलग सेक्शन रखा जाए। यह सेक्शन यह जानकारी तैयार करेगा कि इन संरचनाओं के नीचे प्राप्त होंने वाले स्थान का कुल क्षेत्रफल कितना है और इसमें से कितने का उपयोग किया जा सकता है। इन संरचनाओं को बहुउपयोगी बनाने के लिए संरचना में किस तरह के परिवर्तन करने होंगे और उस पर कितनी अतिरिक्त लागत आएगी। संरचनाओं की सुरक्षा और सौंदर्यीकरण के लिए क्या काम किए जाए।
इसके अलावा इस क्षेत्र के वार्षिक रखरखाव के लिए किन संसाधनों की जरुरत होगी इस पर कितना खर्च आएगा। फ्लाईओवर और आरओबी के नक्शे तैयार करते समय ही इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि इनके नीचे के स्थान का अधिकतम उपयोग किया जा सके। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि इनके विविध उपयोगों से सर्विस रोड और परिवतन में किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न न हो। सड़क सुरक्षा की दृष्टि से इसमें किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
विज्ञापन से होगी कमाई
इन संरचनाओं के नीचे के स्थान और उपर विज्ञापन के अधिकार देकर इनके रखरखाव के खर्च के लिए राशि की व्यवस्था की जा सकेगी। भविष्य में इन स्थानों के उपयोग के लिए और विकल्प तलाशे जाएंगे। जहां क्रासिंग स्पान के एडजानिुंग स्पान जहां ऊंचााई अधिक होती है वहां ऐसे खेल कोर्ट जिनमें कम स्थान की आवश्यकता होती है विकसित किए जा सकते है। इनमें पूल गेम्स, शतरंज और अन्य खेलों के कोर्ट बनाए जा सकते है।