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देवबंद से गिरफ्तार दोनों संदिग्ध आतंकी पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड के संपर्क में थे……… किसी बड़े हमले को अंजाम देने की तैयारी में थे

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लखनऊ। सहारनपुर के देवबंद से शुक्रवार को गिरफ्तार जैश.ए.मोहम्मद के दोनों संदिग्ध आतंकी पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल रशीद गाजी के संपर्क में थे। पुलिस पूछताछ के दौरान आतंकी शहनवाज और आकिब ने यह भी कबूल किया है कि वे किसी बड़े हमले को अंजाम देने की तैयारी में थे। डीजीपी ओपी सिंह ने रविवार को दोनों आतंकियों से करीब चार घंटे पूछताछ की। इस दौरान पता चला है कि संदिग्ध आतंकी संदेश पहुंचाने के लिए ब्लैकबेरी मैसेंजर और कॉल करने के लिए वर्चुअल नंबर्स का इस्तेमाल करते थे। सूत्र के मुताबिक दोनों आतंकी पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड गाजी से मैसेजिंग के जरिए बातचीत कर रहे थे। गाजी को सुरक्षाबलों ने पुलवामा हमले के चार दिन बाद ही मुठभेड़ में मार गिराया था। उसके साथ एक आतंकी और मारा गया था। एटीएस सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान इन दोनों ने बताया कि कश्मीर में बैठे उनके आका जल्द से जल्द किसी बड़ी घटना को अंजाम देने का दबाव बना रहे थे। पूछताछ में आतंकी संगठन के अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी मिली है। ऐसे में आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। शहनवाज और आकिब की चैट में हथियारों की मूवमेंट की बातें भी मिली हैं। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने इस सबंध में किसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार किया है। कश्मीर के कुलगाम निवासी शाहनवाज और पुलवामा निवासी आकिब ने बताया कि इनका मकसद उत्तरप्रदेश के कई हिस्सों में कश्मीरी युवाओं को लाना था। साथ ही उप्र के युवाओं को जैश.ए.मोहम्मद से जोड़ने का था। जम्मू-कश्मीर पुलिस भी इन दोनों से पूछताछ करेगी। वर्चुअल फोन नंबर का इस्तेमाल साइबर क्रिमिनल या हैकर करते हैं। इसमें किसी मोबाइल डिवाइस का इस्तेमाल नहीं होता है। साथ ही न किसी सिम का प्रयोग होता है। मोबाइल और सिम का प्रयोग नहीं होने से पुलिस अथवा जांच एजेंसियों के लिए इसका पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। इन नंबरों को सर्विलांस पर भी नहीं लगाया जा सकता है। 14 फरवरी को पुलवामा में हुए एक फिदायीन हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश.ए.मोहम्मद ने ली थी।