नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद दुनियाभर के नेताओं ने नरेंद्र मोदी को बधाई दी। हालांकि पड़ोसी पाकिस्तान ने उन्हें बधाई नहीं दी। अब पाकिस्तान की तरफ से इसको लेकर बयान भी सामने आया है। पाकिस्तान का कहना है कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध और सहयोग के समझौते चाहते है। वह चाहता है कि बातचीत के जरिए विवाद का हल निकाला जाए। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा कि भारत के लोगों का अधिकार हैं कि वे अपने नेता को चुनें और तय करें कि कौन बेहतर सरकार चला सकता है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में एनडीए को 293 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत मिला है और 9 जून रविवार को मोदी कैबिनेट का शपथ ग्रहण होना है। इस मौके पर पड़ोसी देशों के नेताओं को आमंत्रित भी किया गया है। हालांकि इस लिस्ट में पाकिस्तान का नाम नहीं है। बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, सेशेल्स, नेपाल और नेपाल के नेताओं की नई दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना दिल्ली पहुंच गई हैं।
मुमताज ने कहा, हम भारत की चुनावी प्रक्रिया पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। अब तक नई सरकार के प्रधानमंत्री के तौर पर किसी का शपथ ग्रहण नहीं हुआ है इसलिए अभी बधाई देना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान सभी पड़ोसियों के साथ सहयोग के संबंध चाहता है। हम चाहते हैं कि बातचीत के जरिए हर समस्या का हल निकाला जाए। वहीं भारत का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता और बातचीत लायक माहौल नहीं बनाता है तब तक बात संभव नहीं है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था, पाकिस्तान के साथ बातचीत के दरवाजे कभी बंद नहीं किए गए। लेकिन आतंकवाद के बड़ी चुनौती है। बातचीत के केंद्र में आतंकवाद भी रहेगा। अगर किसी देश में इतने सारे आतंकी शिविर हों और उसपर बात ना हो तो यह ठीक नहीं है। बता दें कि मालदीव के साथ रिश्तों में खटास आने के बाद भी राष्ट्रपति मुइज्जू ने नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी। उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में भी बुलाया गया है और उनके रविवार को भारत पहुंचने की संभावना भी है।