Home विदेश नया दावा : परमाणु धमाके से मोहनजोदड़ो साम्राज्य की हुई थी तबाही

नया दावा : परमाणु धमाके से मोहनजोदड़ो साम्राज्य की हुई थी तबाही

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वॉशिंगटन
 प्राचीन मोहनजोदड़ो शहर के बारे में आज भी सबकुछ लगभग रहस्य है। वहीं आज के समय के कई शहरों के लिए ये एक मिसाल है। लेकिन ये शहर अचानक खत्म कैसे हो गया, इसका कोई ठीक जवाब नहीं है। इसे लेकर सिर्फ थ्योरी दी जाती रही हैं। एक कॉन्सपिरेसी थ्योरिस्ट ने दावा किया है कि दुनिया के सबसे शुरुआती शहरों में से एक मोहनजोदड़ो 3700 साल पहले परमाणु युद्ध में तबाह हो गया था। फर्स्ट क्लास स्पेस एजेंसी के सीईओ बिली कार्सन ने कहा कि रेडियोएक्टिल कंकालों की मौजूदगी यह संकेत देती है कि एक परमाणु उपकरण का विस्फोट किया गया था।

उनका यह भी दावा है कि पृथ्वी पर सभ्यता 'एलियन देवताओं' की एक जाति ने शुरू की थी और मनुष्यों को देवताओं में विश्वास करने के लिए एलियंस की ओर से आनुवंशिक रूप से संशोधित किया गया था। द जो रोगन एक्सपीरियंस पॉडकास्ट में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मोहनजोदड़ो पुरातात्विक खुदाई में कंकालों में असामान्य रूप से उच्च स्तर का रेडिएशन था। यह साबित करता है कि यहां परमाणु विस्फोट हुआ था। उन्होंने कहा, 'इस साइट की इमारतें कांच में बदल गईं। रेत कांच में बदल गईं और शव आज भी सड़क पर पड़े हुए हैं। हाथ पकड़े हुए, जिन्हें जानवरों ने कभी नहीं खोदा।'

'आज भी सड़कों पर पड़े हैं शव'

साल 1922 में ब्रिटिश भारत में इस शहर को खोजा गया था। यह भारत का हजारों साल पुराना प्राचीन इतिहास था। लेकिन विभाजन के बाद यह पाकिस्तान में चला गया। कार्सन ने कहा, 'हजारों साल बाद आज भी शव सड़कों पर पड़े हैं।' पाकिस्तान के सिंध प्रांत का प्राचीन शहर 2500-1900 ईसा पूर्व के बीच सिंधु सभ्यता का सबसे महत्वपूर्ण शहर माना जाता है। लगभग 3700 साल पहले यह वीरान हो गया था। यहां की सिविल इंजीनियरिंग काफी एडवांस्ड थी और सिटी प्लानिंग बेहद उन्नत थी।

उम्मीद से ज्यादा उन्नत थी सभ्यता

कार्सन ने कहा, 'जिस हड़प्पा समाज ने इस क्षेत्र को आबाद किया था, वह आज शिक्षाविदों की ओर से स्वीकार की गई तुलना से भी ज्यादा उन्नत था।' उन्होंने दावा किया, 'ऐसे शव हैं जो अपनी इमारतों के बगल में सीढ़ियों के किनारे पर बैठे हैं और इमारत कांच में बदल गई।' उन्होंने आगे कहा कि पारंपरिक पुरातत्व के पास शहर के अचानक खत्म होने का कोई स्पष्टीकरण नहीं है। उनका मानना है कि यह अवशेष 3000 डिग्री सेल्सियस वाले तापमान की आग से बने हो सकते हैं, जो परमाणु विस्फोट के बराबर है।

मनुष्यों को एलियन ने बनाया गुलाम!

उनका यह भी विश्वास है कि विशाल ह्यूमनॉइड की एक अलौकिक जाति 'अन्नुनाकी' सोने की माइनिंग के लक्ष्य को लेकर प्राचीन सुमेत में उतरी थी। उन्होंने कहा कि प्राणियों ने दक्षिण अफ्रीका में एक महापाषाण संरचना का निर्माण किया, जिसे एडम के कैलेंडर के रूप में जाना जाता है, जहां नक्काशी से कथित तौर पर पता चलता है कि वे युद्ध में कैसे गए थे। उन्होंने कहा कि एलियन हमेशा से इस धरती पर थे और उन्होंने मनुष्यों को उनके लिए दास की तरह काम करने के लिए मैनिपुलेट किया।