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10 लाख की सुपारी लेकर पत्रकार की हत्या करने वाले का हुआ एनकाउंटर

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जौनपुर

यूपी के जौनपुर में पत्रकार आशुतोष मिश्रा की हत्या 10 लाख की सुपारी लेकर भाड़े के शूटरों ने की थी. गो तस्करों ने शूटर प्रशांत सिंह उर्फ प्रिंस को सुपारी दी थी. जौनपुर पुलिस ने एक लाख के इनामी प्रिंस को मुठभेड़ के बाद मार गिराया है. प्रिंस के पास से बरामद पिस्टल वही है जिससे आशुतोष मिश्रा को गोली मारी गई थी.

गौरतलब है कि बीते 13 मई को दिनदहाड़े जौनपुर के शाहगंज में आशुतोष श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पारिवारिक जनों ने इस मामले में शाहगंज थाने में गो तस्कर जमीरउद्दीन और हाशिम समेत चार लोगों पर नामजद  एफआईआर दर्ज करवाई थी. फिर में घर वालों ने आरोप लगाया कि इलाके की तालाब की जमीन को पाट कर मदरसा बनाए जाने का आशुतोष विरोध कर रहे थे जिसको लेकर उन्हें धमकी मिल रही थी और इसी में मदरसा समिति से जुड़े लोगों ने आशुतोष की हत्या करवा दी.

अशुतोष हत्याकांड में पुलिस ने शूटरों की तलाश की और 5 जून की सुबह जौनपुर के खेतासराय थाना क्षेत्र में एक लाख का इनामी प्रशांत सिंह उर्फ प्रिंस पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. शूटर प्रशांत सिंह जौनपुर का ही रहने वाला था. वह जौनपुर व आसपास के इलाकों में भाड़े पर हत्या और डकैती जैसी कई सनसनीखेज घटनाओ को अंजाम दे चुका था. प्रशांत सिंह का साथी सतीश सिंह को 2 साल पहले ही पुलिस मुठभेड़ में मारा गया वहीं उसके साथी कल्लू फौजी ने दिल्ली में सरेंडर कर दिया था.

एसपी जौनपुर अजय पाल शर्मा के मुताबिक, पुलिस को जांच के दौरान जो नंबर सर्विलांस में मिले उसमें एक नंबर प्रशांत सिंह उर्फ प्रिंस का था.  बीते 7 सालों से प्रशांत जौनपुर पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा था क्योंकि उसकी ना तो कोई तस्वीर पुलिस के पास थी और ना ही कोई उसे पहचानता था. लिहाजा कई बार वह घटना को अंजाम देकर बीच बाजार से निकलने में सफल रहा. पुलिस के सामने प्रशांत की तस्वीर को हासिल करना पहली चुनौती थी.

बताया जा रहा है आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या के लिए प्रशांत को 10 लाख की सुपारी दी गई थी. यह सुपारी जौनपुर के गो तस्कर जमीरउद्दीन और हाशिम ने दी थी. पुलिस का कहना है अशुतोष श्रीवास्तव की हत्या में शूटर प्रशांत के अलावा इसका एक अन्य साथी भी शामिल था, जिसकी जानकारी पुलिस को मिल चुकी है और जल्द उसको गिरफ्तार किया जाएगा.

बता दें कि जमीरउद्दीन को जौनपुर पुलिस बड़े ही नाटकीय ढंग से वारंट भी बनाकर गिरफ्तार कर चुकी है. यह वही जमीरउद्दीन है जो जौनपुर पुलिस के अनुसार मुंबई से गिरफ्तार कर जब जौनपुर लाया जा रहा था तो खंडवा रेलवे स्टेशन से फरार हो गया था. लेकिन बाद में भिवंडी थाने से गिरफ्तार हुआ, जिसे जौनपुर पुलिस ने वारंट बी पर जौनपुर से जेल भेजा है.

वहीं, दूसरी तरफ हाशिम ने कुछ साल पहले एक दलित की हत्या में आशुतोष श्रीवास्तव को नामजद करवाया था और अपने ही पैर पर गोली मारकर हत्या के प्रयास की एफआईआर दर्ज करवाई थी. लेकिन जब पुलिस ने जांच की तो पूरा मामला फर्जी पाया गया और हाशिम ने ही आशुतोष को फंसाने के लिए झूठी घटना रची थी जिसके बाद हाशिम को जौनपुर पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है और अभी भी जेल में है.

हालांकि, आशुतोष के भाई  संतोष श्रीवास्तव का कहना है कि इस हत्याकांड के पीछे मुंबई के व्यापारी और समाजवादी पार्टी के नेता नासिर जमाल और उसके भाई आरफी शेख का हाथ है.