जयपुर.
लोकसभा चुनावों के एक्जिट पोल ने राजस्थान की सियासी गलियारों में सनसनी पैदा कर दी है। यदि नतीजे इन्हीं के आसपास रहे तो बड़ा भूचाल आना तय है। एक तरफ बीजेपी के मंत्री किरोड़ीलाल मीणा बार-बार बयान दे रहे हैं कि बीजेपी हारी तो वे मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे, वहीं वे अब उन मुद्दों को लेकर भी लगातार सरकार को एक्शन लेने के लिए चिट्ठियां लिख रहे हैं, जो विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने उठाए थे।
इन सब बातों के बीच भाजपा में इस बात की चर्चाएं भी चल रही हैं कि यदि चुनाव के नतीजे एक्जिट पोल के आसपास भी रहते हैं तो किसी न किसी पर इसकी गाज गिरना तय है। देखना यह है कि पहले संगठन का नंबर आता है या सरकार का।
सीटें आईं तो डोटासरा का कद बढ़ेगा
इधर कांग्रेस में जीत का श्रेय लेने की होड़ मच रही है। इसकी बड़ी वजह यह है कि यहां जो चुनाव लड़े गए, वह पार्टी के स्तर पर कम और प्रत्याशी के स्तर पर ज्यादा लड़े गए। चुनावों से पहले ही कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर थी। प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा की अगुवाई में राजस्थान में कांग्रेस सीटें तो जीतती दिख रही है। हालांकि डोटासरा 12 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस 5 से 7 सीटें भी जीतने में कामयाब हो जाती है तो पार्टी में उनका कद बड़ा होना तय है। इससे पहले सचिन पायलट की अध्यक्षता और प्रदेश में अशोक गहलोत सरकार के रहते हुए लोकसभा चुनाव लड़े गए थे, जिसमें कांग्रेस खाता नहीं खोल पाई थी अब यह स्थिति भी कांग्रेस में नए गुट खड़े करेगी, जिसका असर आने वाले निकाय और पंचायत चुनावों पर पड़ सकता है। पार्टी में नेताओं का कद इस बात पर भी निर्भर करेगा कि कांग्रेस या गठबंधन से कौन नेता चुनाव जीतकर संसद पहुंचता है क्योंकि हर टिकट के पीछे एक गुट काम कर रहा था। कांग्रेस का कोई भी नेता सभी 25 सीटों पर प्रचार के लिए नहीं पहुंचा। बल्कि बड़े नेताओं ने खुद को अपने समर्थक प्रत्याशियों की सीट तक ही सीमित कर लिया था।
नतीजे होंगे सीएम का रिपोर्ट कार्ड
लोकसभा चुनावों में मंत्रियों की विधानसभा सीट पर कम वोटिंग बड़ा मुद्दा बना है। इसकी रिपोर्ट्स भी तैयार हुई है। नए सीएम की अगुवाई में यह पहला चुनाव है और इसके नतीजे प्रदेश के नए सीएम भजनलाल के लिए रिपोर्ट कार्ड का काम भी करेंगे। हालांकि बीजेपी ने राजस्थान के चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें देशभर में प्रचार के लिए भेजा था लेकिन राजस्थान में क्या वे अपना करिश्मा दिखा पाते हैं,यह कल के नतीजे ही बताएंगे।
संगठन में भी बदलाव के संकेत
बीजेपी में संगठन में बदलाव पहले से ही अपेक्षित था लेकिन नतीजों में यदि सीटों की ज्यादा टूटन होती है तो संगठन में व्यापक स्तर पर बदलाव होने की संभावना है।