झुंझनू.
राजस्थान के झुंझुनू जिले के धनखड़ हॉस्पिटल में हुए गलत किडनी के ऑपरेशन को लेकर अस्पताल पर सख्त कार्रवाईयां की जा रही हैं। इसी बीच अब डॉ. संजय धनखड़ के किडनी कांड में हुए नए खुलासे में एनेस्थेटिक की मदद के बिना ऑपरेशन किया जाना सामने आया है। डॉ. संजय धनखड़ के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद जो 5 विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमेटी का गठन किया गया था, जिसमें कई बिंदुओं पर धनखड़ की लापरवाही मानी है।
सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी ने बताया कि मुख्य रूप से डॉ. संजय धनखड़ ने ऑपरेशन में एनेस्थेटिक का सहयोग नहीं लिया। वहीं आर्गन से जुड़ा ऑपरेशन होने के बावजूद ना तो ऑपरेशन से पहले और ना ही ऑपरेशन के बाद में बायप्सी करवाई। ये दोनों ही चीजें चिकित्सक की गंभीर लापरवाही है। बिना एनेस्थेटिक के ऑपरेशन करना, एक तरह से मरीज की जान के साथ खेलने जैसा है।
जांच रिपोर्ट में पांचों विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भी यह माना है कि खराब किडनी की जगह डॉ. संजय धनखड़ ने सही किडनी निकाल दी और किडनी निकालने के बाद भी जिस तरह से वो किडनी ट्रे में रखी गई थी, वो संक्रमित हो गई। किडनी के निस्तारण को लेकर भी बायो वेस्ट कानून की अवहेलना की गई है।
मरीज की जान के साथ खिलवाड़
डॉ. डांगी ने बताया कि डॉ. धनखड़ का राजस्थान मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए निदेशालय को लिखा जा चुका है, जिससे आगे की कार्रवाई तय होगी। बता दें कि इस रिपोर्ट संबंधी खुलासे के बाद तय हो गया है कि डॉ. धनखड़ एक सामान्य सर्जन थे, जिन्हें किडनी का ऑपरेशन करने के लिए कम से कम यूरोलॉजिस्ट का सहयोग लेना चाहिए था।