रांची
लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में झारखंड की तीन सीटों दुमका, गोड्डा और राजमहल पर हुए मतदान में मतदाताओं ने पिछले तीनों फेज का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस फेज में राज्य में सर्वाधिक 67.95 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया है। यह आंकड़ा शाम 5 बजे तक का है। फाइनल आंकड़ा 70 फीसदी से भी ऊपर जाने की संभावना है।
झारखंड में कुल 14 लोकसभा सीटें हैं, जहां चौथे, पांचवें, छठे और सातवें फेज में मतदान संपन्न हुआ। चौथे फेज में 13 मई को खूंटी, लोहरदगा, पलामू और सिंहभूम में हुए चुनाव में 66.01 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। पांचवें फेज में 20 मई को चतरा, कोडरमा और हजारीबाग सीट पर हुए मतदान में यह आंकड़ा 63.21 फीसदी रहा। छठे फेज में 25 मई को धनबाद, गिरिडीह, जमशेदपुर और रांची में कराए गए मतदान में 65.39 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
हर फेज में फाइनल आंकड़ा जारी किए जाने पर वोटिंग परसेंटेज में तीन से पांच फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऐसे में 1 जून को हुई वोटिंग का फाइनल आंकड़ा आने पर मतदान प्रतिशत का बढ़ना तय माना जा रहा है।
राज्य की सभी संसदीय सीटों पर वोटिंग के आंकड़ों पर निगाह डालें तो खूंटी सीट पर सबसे ज्यादा 69.93 फीसदी मतदान हुआ है। उसके बाद दुमका है, जहां एक जून की शाम 5 बजे तक 69.89 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि दुमका सीट के फाइनल आंकड़े आने पर प्रतिशत के आधार पर यह सर्वाधिक मतदान वाला क्षेत्र हो जाएगा। इन दोनों सीटों के बाद तीसरे नंबर पर सिंहभूम है, जहां कुल 69.32 प्रतिशत मतदान हुआ है। जबकि, 67.68 फीसदी मतदान के साथ जमशेदपुर चौथे स्थान पर रहा है।
अन्य संसदीय सीटों की बात करें तो गोड्डा में 67.24, गिरिडीह में 67.23, राजमहल में 66.98, लोहरदगा में 66.45, रांची में 65.36, हजारीबाग में 64.39, धनबाद में 62.06, कोडरमा में 61.81 और सबसे कम पलामू में 61.27 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया है। झारखंड में वोटिंग ट्रेंड की सबसे खास बात यह रही कि आधे से भी ज्यादा संसदीय सीटों में महिला मतदाताओं ने मतदान के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया।
खूंटी, सिंहभूम, लोहरदगा, पलामू, हजारीबाग, कोडरमा और चतरा ऐसे क्षेत्र रहे, जहां महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों की तुलना में ज्यादा है। एक जून को जिन तीन सीटों पर वोटिंग हुई है, वहां महिला और पुरुष मतदाताओं के आंकड़े फिलहाल जारी नहीं किए गए हैं।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि अनुसूचित जनजाति यानी आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों खूंटी, लोहरदगा, सिंहभूम, राजमहल और दुमका में मतदान प्रतिशत बेहतरीन रहा है। इन सभी सीटों पर 66 प्रतिशत से ज्यादा मतदान रिकॉर्ड किया गया है।