रायपुर
शहर में संचालित हो रहे ऑटो में सवारी करने वालों के साथ लगातार हो रही लूट व चैन स्नैचिंग के मामलों ने आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है। अब तो वे ऑटो में सवारी करने से भी डरने लगे हैं लेकिन क्या करें शहरी सीमा क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन का यही तो एकमात्र माध्यम हैं। सराफा, कपड़ा, इलेक्ट्रानिक्स जैसे मुख्य बाजार व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों तक आने:जाने के लिए उपभोक्ता वर्ग ऑटो का ही उपयोग करते हैं। जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से प्रयास किये जाने के बाद भी घटनाओं में कमी न आना और इनके न पकड़े जाने का कारण तो ऐसा लगता है कि कोई गेंग सुनियोजित तरीके से ऐसी घटनाओं को अंजाम देने में सक्रिय है।
लूट एवं चैन स्नैचिंग पर चिंता जाहिर करते हुए रायपुर सराफा एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हरख मालू ने कहा है कि पचपेड़ी नाका एवं फाफाडीह चौक जैसे बड़े चौराहों से इस प्रकार के आपराधिक तत्व ऑटो में सवार होकर शहर के विभिन्न जगहों में ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं, यह बात पूर्व में भी विभाग के अधिकारियों को दी गई थी किंतु अभी तक इस प्रकार की घटनाओं में शामिल आरोपित नहीं पकड़े गए हैं। कुछ एक घटनाओं के पकड़े भी गए कि दूसरी घटना हो जाती है।
लगता है कि इस प्रकार की घटनाओं के पीछे शहर में महिला-पुरुष सदस्यों के कुछ गेंग सक्रिय है जो इस प्रकार की गतिविधियों को अंजाम देते हैं। प्रत्येक ऑटो वालों का भी वेरिफिकेशन किया जाना अति आवश्यक है, ऑटो की आड़ में भी इस प्रकार के गेंग अपना काम कर जाते है । शहर ही नहीं बल्कि बाहर से आने वाले लोगों में भी असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है।
व्यापारिक कामकाज से भी व्यापारी व उनके प्रतिनिधियों का रोजाना बाहर शहरों से आना जाना होता है। यहां यह विचारणीय प्रश्न है कि लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद भी इस पर किसी प्रकार की ठोस कार्यवाही ना होना अत: जिला एवं पुलिस प्रशासन से अनुरोध है कि इस प्रकार की लगातार हो रही घटनाओं पर विशेष ध्यान देते हुए एक विशेष टीम का गठन करें और ऐसे तत्वों पर सख्त कार्रवाई करें।