Home विदेश अमेरिका में आईआईटी के पूर्व छात्रों की एक गैर-लाभकारी संस्था के प्रमुख...

अमेरिका में आईआईटी के पूर्व छात्रों की एक गैर-लाभकारी संस्था के प्रमुख ने कहा- PM मोदी ने बदल दिया भारत

6

वाशिंगटन
अमेरिका में आईआईटी के पूर्व छात्रों की एक गैर-लाभकारी संस्था के प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आम आदमी की नब्ज पहचानते हैं और उन्होंने बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए ऐसे मौलिक बदलाव किए हैं, जिससे देश एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। ‘व्हील्स ग्लोबल फाउंडेशन' के अध्यक्ष रत्न अग्रवाल ने एक साक्षात्कार में कहा, ''आपके पास ऐसे ढेर सारे राजनेता हो सकते हैं, जो कहते कुछ हैं लेकिन उसका मतलब कुछ और होता है। लेकिन यहां आपके पास एक ऐसा व्यक्ति है, जो उदाहरण पेश करते हुए सरकार का नेतृत्व कर रहा है और उसका नेतृत्व, उसकी कार्य नीति, उसके द्वारा दिया गया हर एक काम हर मंत्री, हर मंत्रालय के लिए अनुकरणीय है और सभी उसका पूरे दिलो-जान से अनुसरण कर रहे हैं।''

उन्होंने कहा, '' तो ये कुछ खास बातें हैं। मुझे लगता है कि देश में बहुत तेजी से बदलाव आया है, जिसके कई सबूत हमारे सामने हैं। लेकिन ये मौलिक बदलाव देश को 30, 40, 50 वर्ष आगे ले जाएंगे।'' आईआईटी के पूर्व छात्रों ने एपीजे अब्दुल कलाम से प्रेरणा लेकर ‘व्हील्स ग्लोबल फाउंडेशन' की स्थापना की थी और यह गैर-लाभकारी संस्था अब तक भारत में करीब 30 परियोजनाएं शुरू कर चुकी है, जिसने लाखों भारतीयों को प्रभावित किया है। अग्रवाल ने कहा, ''देश को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूप में एक ऐसा नेता मिला है, जो जमीन से जुड़ा होने के साथ-साथ एक आम आदमी के जीवन और आगे बढ़ने के उसके संघर्ष को समझता है।

उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम तक देशभर की यात्रा के उनके प्रयास को जनता से अपार समर्थन मिला है।'' उन्होंने कहा, ''यह मोदी की एक विशेषता है कि कैसे वह एक आम आदमी की नब्ज को समझने, दीर्घकालिक सोच रखने और सिर्फ अगले पांच वर्षों के बारे में नहीं बल्कि अगले 50 वर्षों के बारे में सोचने में सक्षम होने के मामले में उन्होंने किस तरह काम किया।'' अग्रवाल ने कहा, ''उनके (मोदी के) मूल सुधारों में यह दिखाई देता है, जिससे एक ऐसा बुनियादी ढांचा तैयार हुआ जो देश को अब एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की राह पर ले गया। बुनियादी ढांचे में सुधार की कल्पना देश के परिवहन और संचार क्षेत्र को बिना एकीकृत किये नहीं की जा सकती। दोनों मोर्चों पर देश अब हर तीन, चार, पांच वर्ष में छलांग लगा रहा है।''