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जालौर सिरोही-राजस्थान लोकसभा सीट का काउंटडाउन शुरू, 25 राउंड में होगा अगले सांसद का फैसला

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जालौर.

जालौर लोकसभा चुनाव 2024 में जालौर सिरोही लोकसभा सीट पर कांटे की टक्कर है। इस बार कांग्रेस-भाजपा ने यहां पर नए प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। यहां भाजपा के प्रत्याशी लुंबाराम चौधरी की टक्कर कांग्रेस से पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत से है। यही वजह है कि सबकी नजर इस सीट पर है।

जालौर सिरोही लोकसभा सीट पर दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को चुनाव संपन्न हुए। वहीं, 4 जून को मतगणना होनी है। निर्वाचन विभाग के नियमों के अनुसार, मतगणना की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। उदयपुर लोकसभा सीट की बात करें, तो यहां चार जून को 25 राउंड में मतों की गणना की जाएगी। इसके बाद ही पता चलेगा कि अगले पांच साल तक दिल्ली की जालोर-सिरोही के लोगों का कौन प्रतिनिधित्व कौन करेगा। आइए जानते हैं, जालोर-सिरोही लोकसभा सीट के तहत आने वाले 8 विधानसभाओं में कैसे और किन नियमों के तहत मतगणना होगी। जालोर सिरोही लोकसभा सीट के लिए मतगणना जालोर वीर वीरमदेव राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जालौर में होगी।

इतने राउंड में होगी विधानसभावार गणना, इस तरह होगी व्यवस्था
जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर) पूजा पार्थ ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुरूप तैयारियां की जा रही हैं। मतगणना के लिए नियोजित कार्मियों का प्रथम रैंडमाइजेशन हो चुका है और आगामी 24 मई को कार्मिकों का प्रथम प्रशिक्षण संपन्न् हो गया है। उन्होंने बताया कि आहोर विधानसभा  के 263 बूथों, जालोर विधानसभा  के 263 बूथों, भीनमाल विधानसभा के 290 बूथों, रानीवाड़ा विधानसभा के 267 बूथों, सिरोही विधानसभा के 286 बूथों,  पिण्डवाड़ा-आबू विधानसभा के 212 बूथों और रेवदर विधानसभा के 266 बूथों के लिए 12-12 टेबलें लगाई जाने के साथ ही 12-12 माइक्रो पर्यवेक्षक, गणना पर्यवेक्षक और गणना सहायक की नियुक्ति की गई है। वहीं सांचौर विधानसभा के लिए 14 टेबलें और 14-14 माईक्रो पर्यवेक्षक, गणना पर्यवेक्षक और गणना सहायक नियुक्त मतगणना सम्पन्न करवाई जाएगी।

मतगणना के दिन इन नियमों का होगा पालन
कार्यक्रमानुसार लोकसभा आम चुनाव-2024 के तहत जालोर संसदीय क्षेत्र (18) की मतगणना 4 जून को प्रातः 8 बजे से वीर वीरमदेव राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जालोर में की जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतगणना के विधानसभावार राउंड के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जालोर संसदीय क्षेत्र के लिए होने वाली मतगणना के दौरान भीनमाल विधानसभा में सबसे अधिक 25 राउंड और पिण्डवाड़ा-आबू विधानसभा में सबसे कम 18 राउंड होंगे। आहोर और जालोर विधानसभा के लिए 22-22 राउंड, सांचौर व सिरोही विधानसभा के लिए 24-24 राउंड, रानीवाड़ा व रेवदर विधानसभा के लिए 23-23 राउण्ड होंगे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी शिवचरण मीना ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मीडियाकर्मियों को मतगणना हॉल के अंदर मोबाईल फोन ले जाने व किसी भी स्टैण्डींग कैमरा से वीडियो की अनुमति नहीं होगी। कवरेज करते समय व्यक्तिगत मतपत्रों प दर्ज वास्तविक वोटों या ईवीएम में डाले गए वास्तविक वोटों की फोटो खींचने व ऑडियो पर रोक रहेगी। मीडिया की जानकारी के लिए नवीनतम रूझानों और परिणाम पत्रों को प्रदर्शित करने की व्यवस्था की गई है।

कांग्रेस-भाजपा में है कांटे की टक्कर
जालोर सिरोही लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत है। वहीं सिरोही पूर्व जिला प्रमुख रहे लुम्बाराम भाजपा प्रत्याशी है। जिसमें दोनों प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर है। हालांकि सीधी टक्कर कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही मानी जा रही है। यहां इस सीट पर लगातार तीन बार से बीजेपी जीत दर्ज कर रही है और यह लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ कहा जा सकता है।

लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान का यह रहा था प्रतिशत
संसदीय क्षेत्र में 14.44 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का  प्रयोग किया, जिसमें जालोर जिले में 62.65 प्रतिशत व सिरोही जिले में 63.33 प्रतिशत रहा। लोकसभा आम चुनावों के तहत जालोर संसदीय क्षेत्र में कुल 62.89 प्रतिशत मतदान हुआ। जिसमें आठ विधानसभाओं में कुल 22 लाख 97 हजार 328 मतदाताओं में से 14 लाख 44 हजार 866 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
जालोर संसदीय क्षेत्र संसदीय क्षेत्र में कुल 62.89 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें जालोर जिले में 62.65 प्रतिशत व सिरोही जिले में 63.33 प्रतिशत मतदान रहा। वहीं सर्वाधिक मतदान पिण्डवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 67.22 प्रतिशत तथा सबसे कम आहोर विधानसभा में 57.01 प्रतिशत मतदान हुआ। इसी प्रकार जालोर विधानसभा में 63.19 प्रतिशत भीनमाल विधानसभा में 62.38 प्रतिशत, सांचौर विधानसभा में 66.14 प्रतिशत, रानीवाड़ा विधानसभा में 63.95 प्रतिशत, सिरोही विधानसभा में 58.10 प्रतिशत व रेवदर विधानसभा में 65.84 प्रतिशत मतदान हुआ है।

2024 लोकसभा चुनाव में क्या रहे मतदाताओं के चुनावी मुद्दे
जालौर सिरोही लोकसभा सीट पर 2024 के हुए चुनाव में आमतौर पर विधानसभा बार अलग-अलग मुद्दे मतदाताओं के देखने को मिले। जिसमें अधिकतर युवाओं में बेरोजगारी पानी बिजली सड़क समस्या सहित मूलभूत समस्याओं मुद्दा हम रहा साथ ही साथ, प्रवासियों के लिए अन्य प्रदेशों में ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाने और नियमित लंबी दूरी की ट्रेनों को शुरू करने का मुद्दा भी अहम रहा। इसके अलावा किसानों का पेयजल नर्मदा नहर माही बजाज परियोजना सहित सिंचाई के लिए पानी के लिए जालौर सिरोही संसदीय क्षेत्र में अहम रहा। इसके अलावा अलग-अलग विधानसभा वार स्थानीय विकास शिक्षा चिकित्सा मूलभूत सुविधाओं को लेकर मतदान किया।

जालौर सिरोही लोकसभा सीट का इतिहास
जालौर लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह जालौर लोकसभा का चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। बूटा सिंह के वर्चस्व को तोड़ने के लिए भाजपा में उनके कद का कोई बड़ा दलित नेता नहीं था। लिहाजा साल 1999 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दक्षिण भारत से पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को दलित चेहरे के तौर पर बूटा सिंह के खिलाफ खड़ा किया था। हालांकि बंगारू लक्ष्मण को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद साल 2004 के लोकसभा चुनाव में बंगारू लक्ष्मण की पत्नी सुशीला बंगारू को जालौर में भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया। साल 2004 के चुनाव में सुशीला बंगारू ने बूटा सिंह हराकर जालौर की पहली महिला सांसद बनीं।

कांग्रेस का गढ़ रही सीट
राजस्थान की जालौर लोकसभा सीट शुरू से ही कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन साल 2004 से यहां पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा के देवीजी पटेल पिछले दो बार से यहां से जीत दर्ज कर रहे हैं। जालौर लोकसभा सीट आजादी के बाद से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट थी, लेकिन 2009 से यह सीट सामान्य हो गई है। इस सीट पर कुल 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से 8 बार कांग्रेस, 4 बार बीजेपी, एक बार स्वतंत्र पार्टी, एक बार भारतीय लोक दल और एक बार निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. यहां से साल 1952 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी भवानी सिंह जीते थे इसके बाद 1957,1962, 1971, 1980, 1984, 1991, 1996, 1998, 1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. साल 1967 में स्वतंत्र पार्टी, 1977 में बीएलडी जीती थी, तो वहीं 1989, 2004, 2009 और 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना झंडा गड़ा था।