झुंझुनूं.
डॉ. संजय धनखड़ का किडनी कांड का बेशर्म चेहरा सामने आया है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि वह नहीं मानते कि उनसे गलती हुई है। यही नहीं उन्होंने चिकित्सा विभाग की जांच पूरी होने से पहले ही कह दिया कि चिकित्सा विभाग की टीम उनके लिए नहीं आई है। बल्कि उन पर जो मीडिया ने गलत आरोप लगाए हैं, उसे सही करने के लिए आई है। चिकित्सा विभाग की टीम को इसलिए आना पड़ा क्योंकि मीडिया वालों ने भीड़ लगा रखी है।
उन्होंने कहा कि वे दुनिया के अकेले डॉक्टर नहीं हैं, जिन पर कोई परिवाद पहले से चल रहा हो। एक चीज गलत होते हुए मीडिया उनके पीछे पड़ गई है। उन्होंने कहा कि गलती सिर्फ इतनी हुई है कि उनके अस्पताल में ऑपरेशन हुआ है। बाकी कुछ गलत नहीं हुआ। डॉ. धनखड़ बयान के वक्त खिलखिलाते हुए नजर आए, जो ऐसे माहौल में कतई सही नहीं कहा जा सकता। एक तरफ पीड़ित परिवार के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। वहीं, डॉक्टर अपनी गलती मानने की बजाय हंसते और मुस्कुराते हुए कह रहे हैं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। बहरहाल, ऐसे हालातों में डॉक्टर का इस तरीके से दिया गया बयान, मानवीय और नैतिक दृष्टिकोण में सही नहीं कहा जा सकता। उन्होंने अपने 2017 में सस्पैंड होने की बात को भी पुरानी करार देते हुए कहा कि यह बात पुरानी है उन्हें याद नहीं। बता दें कि झुंझुनूं के धनखड़ अस्पताल के चिकित्सक डॉ. संजय धनखड़ के किडनी कांड से जुड़ा बड़ा अपडेट सामने आया है, जिस महिला की खराब की बजाय सही किडनी निकाली गई थी। उसकी हालत फिर से बिगड़ गई है। परिजन गंभीर हालत में महिला को मंडावा के समीप नूआं गांव से बीकानेर के लिए रवाना हो गए हैं। पीड़ित महिला ईद बानो के पति ने बताया कि लगातार महिला के स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है। उनके सामने कोई विकल्प नहीं है, अब वे पीड़िता को बीकानेर ले जा रहे हैं, जहां पर जीवन की आस है।
पीड़िता के पति ने आरोप लगाया कि इस अस्पताल को बंद करना चाहिए और डॉक्टर की डिग्री वापस लेनी चाहिए। क्योंकि उसने एक महिला का गलत ऑपरेशन कर चार जिंदगी खराब की है। अब उसके दोनों बच्चे और वह खुद, खुद को असहाय महसूस कर रहा है। वहीं, परिजनों ने झुंझुनूं कोतवाली में डॉ. संजय धनखड़ के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट भी दे दी है, जिसके बाद सिटी डीएसपी वीरेंद्र शर्मा भी मौके पर पहुंचे।