काराकाट
भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने काराकाट लोकसभा सीट पर अपने चुनाव प्रचार के लिए अब हेलीकॉप्टर भी मंगवा लिया है। पवन मंगलवार को भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव के साथ पहली बार चॉपर से चुनाव प्रचार करेंगे। पवन सिंह के लिए कई भोजपुरी सितारे काराकाट में उतरे हुए हैं जो इसी चुनाव में दूसरी सीटों पर दूसरी पार्टियों के लिए वोट मांगते नजर आए हैं। खेसारी लाल यादव ने पिछले सप्ताह बिहार की वाल्मीकि नगर सीट पर जेडीयू के उम्मीदवार सुनील कुशवाहा के लिए रोड शो किया था। यूपी की आजमगढ़ सीट पर भाजपा के कैंडिडेट और भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ के लिए वोट मांगने के बाद भोजपुरी स्टार अरविंद अकेला कल्लू काराकाट में पवन सिंह के साथ घूम रहे हैं।
पवन सिंह ने 25 मई को एक बड़ी सभा की थी जिसमें भोजपुरी के बड़े स्टार काजल राघवानी, पाखी हेगड़े, आस्था सिंह, रितेश पांडे, अनुपमा यादव, सिल्की राज समेत दर्जन भर कलाकार जुटे थे। भीड़ भी खूब आई थी। पवन सिंह सिंह 20 वादों का वचन पत्र जारी कर निर्दलीय लड़ रहे हैं। उनको चुनाव चिह्न कैंची मिली है। संयोग से पूर्णिया में निर्दलीय लड़े कांग्रेस नेता पप्पू यादव को भी कैंची चुनाव चिह्न मिला था।
पवन सिंह को भाजपा ने पहले पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के कैंडिडेट शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ लड़ने के लिए टिकट दिया था लेकिन उन्होंने अपने गानों पर विवाद के बाद टिकट लौटा दिया था। काराकाट से लड़ने से रोकने के लिए उन्हें मनोज तिवारी समेत कई भाजपा नेताओं ने मना किया लेकिन वो नहीं माने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काराकाट में 25 मई की रैली से पहले पवन सिंह को भाजपा से निकाल दिया गया था। 26 मई को काराकाट में सभा करने आए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए के बड़े नेता हैं और वोटर बिना किंतु-परंतु के उनको संसद भेजें, भाजपा उनको बड़ा आदमी बनाएगी।
काराकाट लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा एनडीए उम्मीदवार हैं। सीपीआई- माले के राजाराम सिंह कुशवाहा को महागठबंधन ने कैंडिडेट बनाया है। बसपा से धीरज कुमार सिंह लड़ रहे हैं। निर्दलीय पवन सिंह समेत कुल 13 कैंडिडेट काराकाट से किस्मत आजमा रहे हैं। काराकाट लोकसभा के अंदर की छह विधानसभा सीटों में तीन रोहतास (सासाराम) जिले में और तीन औरंगाबाद में हैं। विधानसभा चुनाव 2020 में 6 सीटों में 5 पर आरजेडी और 1 पर सीपीआई-एमएल का कब्जा है। लगभग 19 लाख वोटर वाले काराकाट में यादव, कुशवाहा और राजपूत वोटरों की संख्या आस-पास है। तीनों जातियों के यहां लगभग दो से तीन लाख वोट हैं। मुसलमान मतदाता डेढ़ लाख के करीब हैं। वैश्यों की संख्या लगभग 2 लाख हैं। ब्राह्मण और भूमिहार भी एक लाख से ज्यादा हैं। बाकी वोटरों में अति पिछड़ों जातियों की सबसे बड़ी हिस्सेदारी हैं। दलित वोटर भी ठीक संख्या में हैं। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में 1 जून को काराकाट में मतदान है जिसके लिए 30 मई को प्रचार बंद हो जाएगा।