जयपुर
राजस्थान के ट्रांसजेंडर समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल किए जाने के बाद सोमवार को जयपुर में एक ट्रांसजेंडर को पहला अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र जारी किया गया।
जाखड़ ने कहा कि राजस्थान सरकार ने ट्रांसजेंडरों को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में 92वें नंबर पर शामिल किया है, जिसके बाद ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग नियमानुसार अपना पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र बनवा सकते हैं।
नूर शेखावत को मिला पहला ओबीसी प्रमाणपत्र
राजस्थान के ट्रांसजेंडर समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग की लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद सोमवार को जयपुर में एक ट्रांसजेंडर को पहला ओबीसी प्रमाणपत्र जारी किया गया। जयपुर के उपखंड अधिकारी राजेश जाखड़ ने नूर शेखावत को प्रमाणपत्र सौंपा। 30 वर्षीय नूर राजस्थान की पहली किन्नर हैं, जिन्हें लिंग-वर्ग ट्रांसजेंडर लिखकर जन्म प्रमाणपत्र जारी किया गया।
आरक्षित श्रेणी का लाभ
राजेश जाखड़ ने कहा कि राजस्थान सरकार ने ट्रांसजेंडरों को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में 92वें नंबर पर शामिल किया है, जिसके बाद ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग नियमानुसार अपना पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र बनवा सकते हैं। बता दें कि अब तक ट्रांसजेंडर आरक्षित श्रेणी का सर्टिफिकेट नहीं बनवा पा रहे थे। हालांकि, अब प्रदेश के ट्रांसजेंडर को आरक्षित श्रेणी का लाभ मिल सकेगा।
कौन हैं नूर शेखावत?
नूर शेखावत वही ट्रांसजेंडर हैं, जिन्होंने किन्नरों के अधिकारों के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया। कुछ दिनों पहले तक किसी भी ट्रांसजेंडर के नाम से जन आधार कार्ड नहीं बना था, क्योंकि ये परिवार की महिला मुखिया के नाम से बनता है। नूर शेखावत पहली ट्रांसजेंडर हैं, जिन्होंने जन आधार कार्ड के लिए अप्लाई किया था।
जन आधार कार्ड बनाने के निर्देश
राजस्थान जनाधार अथॉरिटी के संयुक्त निदेशक सीताराम स्वरूप ने नूर शेखावत के मामले को देखा, तो प्राथमिकता के तौर पर जन आधार कार्ड बनाने के निर्देश दिए। ऐसे में नूर शेखावत प्रदेश की पहली ऐसी ट्रांसजेंडर हैं, जिनके नाम से जन आधार कार्ड बना है।