रायपुर
भाजपा एकात्म परिसर में आयोजित प्रेसवार्ता में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा ने बेमेतरा हादसे पर दुख जताया. उन्होंने झीरम कांड को लेकर कहा, 25 मई 2011 को झीरम घाटी की घटना घटी थी, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मारे गए थे.
कांग्रेस के पीसीसी चीफ दीपक बैज जिस तिथि पर प्रदेश के बड़े नेताओं की मृत्यु हुई उसी दिन वे नक्सलियों का समर्थन कर रहे और नक्सलियों को निर्दोष बता रहे हैं. शर्मा ने कहा, छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद यह तय किया कि 2 वर्षों के अंदर हम नक्सल मुक्त राज्य बनाएंगे, इसके परिणाम सबके सामने है.
भाजपा नेता शिवरतन ने कहा, 4 महीने के अंदर इतनी बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं. जब भी नक्सली मारे जाते हैं कोई न कोई नेता खड़े होकर कहते हैं कि वे नक्सली नहीं कोई और थे. 29 नक्सली मारे जाने के बाद पहला स्टेटमेंंट भूपेश बघेल का आया था. पीडिया की घटना के बाद कांग्रेस ने उस घटना को फर्जी बताया है. आज नक्सल से डरे नेता इस बात को स्वीकार कर रहे हैं तो उन्हें ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है. वास्तव में नक्सलवाद पर कांग्रेस की सोच क्या है, ये स्पष्ट नहीं है.
शिवरतन शर्मा ने कहा, राहुल गांधी बिलासपुर आते हैं, नक्सल घटना में उनका क्या स्टेटमेंट है ये स्पष्ट नहीं करते हैं. कांग्रेस नक्सलवाद पर कंफ्यूज है. कांग्रेस विधायक ने लिखा है कुछ लोग कंफ्यूज है और कुछ लोग चुनाव के दौरान नक्सलियों से सहयोग की भावना रखते हैं. कांग्रेस में सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने का काम किया है. पुलवामा में एयरस्ट्राइक होती है उसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक होती है. प्रमाण मांगने के किए कांग्रेस के लोग सामने आते हैं और कोई दूसरा नहीं आता है. पीडिया की घटना में जांच कमेटी बना दिया है. इनकी हालत ये रही है.
शिवरतन ने कहा, जब भूपेश बघेल सीएम थे और कवासी लखमा मंत्री थे तो कुछ लोगों ने दावा किया था कि ये नक्सली नहीं स्थानीय रहवासी हैं. वास्तव में नक्सलवाद के मामले में कांग्रेस को अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए. वो नक्सलवाद की समाप्ति चाहते हैं तो सरकार और जवानों के साथ कदम से कदम मिलाकर चले. राजनीति करने के लिए कई मुद्दे हैं. शिवरतन शर्मा ने पीसीसी चीफ बैज से सवाल पूछा है कि उनके कार्यकाल में कितने सुरक्षा बल, कितने निर्दोष मारे गए.
कांग्रेस को अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए. वे नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ देखना चाहते हैं या नक्सलियों का समर्थन करना चाहते हैं. नक्सल मुद्दे पर राजनीति करना ठीक नहीं है. राजनीति के लिए और भी विषय हैं. पीसीसी चीफ बैज नक्सलियों का समर्थन कर रहे हैं.