ममता की टिप्पणी के विरोध में साधु निकालेंगे कोलकाता में रैली
मणिपुर में नौ उग्रवादी गिरफ्तार
प्रशासन ने किर्गिस्तान में पढ़ रहे छात्रों के माता-पिता से स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करने को कहा
कोलकाता
पश्चिम बंगाल के साधुओं ने रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के कुछ साधुओं के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी के विरोध में 24 मई को कोलकाता में रैली निकालने का फैसला किया है।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और पश्चिम बंगाल में साधुओं की शीर्ष संस्था बंगीय संन्यासी समाज के सदस्य उत्तरी कोलकाता में ‘संत स्वाभिमान यात्रा’ का आयोजन करेंगे।
विहिप नेता सौरीश मुखर्जी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री वोट बैंक की राजनीति के कारण ऐसी टिप्पणी कर रही हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। पश्चिम बंगाल के साधु-संत इन टिप्पणियों के खिलाफ रैली निकालेंगे।’’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में प्रभावशाली मठों के कुछ साधु चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निर्देश पर काम कर रहे हैं।
मणिपुर में नौ उग्रवादी गिरफ्तार
इम्फाल
मणिपुर में सुरक्षा बलों ने दो अलग-अलग घटनाओं में कुल नौ उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया, ”विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर राज्य पुलिस, गोरखा राइफल्स और असम राइफल्स के सुरक्षाकर्मियों के संयुक्त दल ने एक समन्वित अभियान में थौबल जिले के खोंगजोम बाजार में टेकचम लमखाई क्षेत्र के पास से तैबंगनबा के नेतृत्व वाले कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) गुट के तीन उग्रवादियों को सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया।’’
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए तीनों उग्रवादियों के पास से मैगजीन के साथ दो स्वदेशी 9एमएम पिस्तौल, 9एमएम के 14 कारतूस, 7.62एमएम के 5 कारतूस, चार मांग पत्र, तीन मोबाइल फोन और एक कार बरामद की गई है।
एक अन्य घटना में पुलिस ने इम्फाल पश्चिम जिले के लमसांग इलाके से प्रतिबंधित संगठन आरपीएफ/पीएलए के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया और उनके पास से घातक हथियार सहित आठ मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
प्रशासन ने किर्गिस्तान में पढ़ रहे छात्रों के माता-पिता से स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करने को कहा
छत्रपति संभाजीनगर
महाराष्ट्र में हिंगोली जिले के प्रशासन ने हिंसा प्रभावित किर्गिस्तान में पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता से किसी भी मुद्दे के लिए जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से संपर्क करने की अपील की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
हिंगोली जिला प्रशासन ने एक विज्ञप्ति में बताया कि महाराष्ट्र के लगभग 500 छात्र किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं और ऐसी संभावना है कि वहां हुई हिंसा के दौरान उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में स्थानीय लोगों और विदेशियों के बीच कथित झड़प के मद्देनजर भारत ने शनिवार को वहां रह रहे भारतीय छात्रों को अपने घरों के अंदर ही रहने की सलाह दी है।
विज्ञप्ति में कहा गया कि हिंगोली प्रशासन ने किर्गिस्तान में पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता से अपील की है कि वे जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से संपर्क करें और बताएं कि क्या उनके बच्चों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसमें कहा गया कि वहां (किर्गिस्तान में) स्थानीय प्रशासन ने इन छात्रों की परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से कराने का फैसला किया है।
विज्ञप्ति में बताया गया कि छात्रों को अगले महीने तक भारत वापस लाया जा सकता है।
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय छात्रों को भारतीय दूतावास के साथ नियमित संपर्क में रहने की सलाह दी थी।
किर्गिस्तान में भारतीय दूतावास ने कहा कि वह लगातार छात्रों के संपर्क में है और स्थिति शांत है।