जयपुर.
जयपुर की फैमिली कोर्ट-3 के जज अजय शुक्ला ने बेंगलुरु निवासी पति और जयपुर निवासी पत्नी के 14 साल पुराने विवाह को 10 दिन में तलाक की डिक्री जारी करके समाप्त कर दिया। कोर्ट में पति-पत्नी ने 18 अप्रैल को तलाक की अर्जी दायर की थी, जो 30 अप्रैल को में सुनवाई के लिए पहुंची। जज अजय शुक्ला ने केस को फास्ट ट्रैक करते हुए 9 मई को तलाक मंजूर कर लिया और आपसी सहमति से तलाक की डिक्री पारित कर दी।
इस मामले से जुड़े अधिवक्ता सुनील शर्मा ने बताया कि तलाक की डिक्री के बाद पति ने अपनी पत्नी और बेटी के भरण-पोषण के लिए एकमुश्त 3 करोड़ रुपये दिए। इसमें 2 करोड़ रुपए पत्नी को और 1 करोड़ रुपए 8 साल की बेटी को दिए गए हैं। दोनों ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत न्यायालय में आपसी सहमति से तलाक लेने के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया था। 2 अप्रैल 2010 को हिंदू रीति-रिवाजों के साथ हुई शादी से उनके एक बेटी भी है। दोनों के बीच वैचारिक मतभेद के कारण उनका भविष्य में साथ रहना संभव नहीं था, इसके चलते वे 30 मई 2022 से अलग-अलग रहने लगे थे। इस दौरान उनके एक साथ रहने के भी प्रयास किए गए, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। इस पर उन्होंने आपसी सहमति के आधार पर तलाक लेने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दायर किया था।