मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट पर सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार का बजट प्रदेश के गरीबों, किसानों, मजदूरों, अनुसूचित जाति, जनजाति, नौजवानों सहित सभी वर्गों के लिए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पवित्र सदन से इस वर्ष का बजट पारित होने के बाद बजट की घोषणा के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, कोटवारों, रसोईयों, पटेलों, स्वच्छता सफाईकर्मियों को बढ़ा हुआ मानदेय मिलना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों के साथ नगर पंचायतों में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने आवास योजना, उज्ज्वला योजना और शौचालय का सर्वे कराने का निर्णय लिया है। केन्द्र द्वारा वर्ष 2021 में जनगणना नहीं कराई गई जिसके कारण अनेक हितग्राही योजनाओं के लाभ से वंचित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 के विनियोग का आकार 01 लाख 32 हजार 370 करोड़ रूपए है। बजट का आकार (शुद्ध) 01 लाख 21 हजार 500 करोड़ रूपए है। उन्होंने कहा कि चालू वर्ष 2022-23 में जनवरी तक 4 हजार 471 करोड़ रूपए का राजस्व आधिक्य है। राज्य में लगातार दो वर्षों के राजस्व आधिक्य की स्थिति को आगामी वर्ष 2023-24 में भी 3 हजार 500 करोड़ रूपए के अनुमानित राजस्व आधिक्य के साथ निरंतर रखा गया है। उन्होंने कहा कि चालू वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार द्वारा आज तक बाजार से कोई कर्ज नहीं लिया गया है। छत्तीसगढ़ ऐसा करने वाले देश के तीन राज्यों में शामिल है। छत्तीसगढ़ ने इस वर्ष कोई बाजार ऋण नहीं लिया, बल्कि 2000 करोड़ रूपए के पुराने बाजार ऋण का पुर्नभुगतान किया है। भारतीय रिजर्व बैंक बुलेटिन से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2022-23 में तीन राज्यों को छोड़कर अन्य राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा 14 मार्च तक 6 लाख 81 हजार 520 करोड़ का बाजार ऋण लिया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण से जनवरी 2023 तक कुल 82 हजार 125 करोड़ का ऋणभार है, जो राज्य के जीएसडीपी का मात्र 17.9 प्रतिशत है। यह 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा 25 प्रतिशत से बहुत कम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 में ब्याज भुगतान 6144 करोड़ था जो राजस्व प्राप्तियों का मात्र 7.7 प्रतिशत है। चालू वर्ष में जनवरी माह तक ब्याज भुगतान 4 हजार 277 करोड़ है, जो राजस्व प्राप्तियों का मात्र 6 प्रतिशत है। गत वर्ष एवं इस वर्ष कम ऋण प्राप्त होने के कारण ब्याज भुगतान भी कम हो रहा है। यह 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा 10 प्रतिशत से बहुत कम है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2021-22 में राज्य का कमिटेड व्यय, जिसमें वेतन, पेंशन एवं ब्याज भुगतान शामिल है। कुल व्यय का मात्र 40 प्रतिशत रहा है। इस वर्ष भी यह 40 प्रतिशत के भीतर ही रहने की पूर्ण संभावना है।
उन्होने कहा कि जून से जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि मिलना बंद हो गई है, इससे छत्तीसगढ़ जैसे राज्य को हर साल 5 से 6 हजार करोड़ रूपए का नुकसान हो रहा है। केन्द्र ने छत्तीसगढ़ में उत्पादित होने वाले कोयला और लोहा की रायल्टी नहीं बढ़ाई है। साथ ही अनेक योजनाओं में केन्द्र से मिलने वाले अंश की राशि कम कर राज्यांश की राशि बढ़ा दी गई है।
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था के संबंध में कहा कि मध्यप्रदेश के समय मिलिंग चार्ज की तय की गई 40 रूपए की राशि को घटकार 35 रूपए कर दिया गया था, हमने इसे बढ़ाकर 120 रूपए कर दिया इस वजह से पूरे प्रदेश में इस वर्ष 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होने के बावजूद अब तक 98 प्रतिशत धान का उठाव हो चुका है। इससे राज्य को 01 हजार से 1200 करोड़ रूपए की बचत हुई है। राज्य में विगत 4 वर्षों में 300 नवीन राईस मिलें लगाई गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीदी में एक भी शिकायत नहीं आई, पूरी व्यवस्था का संचालन सुचारू रूप से किया गया। बारदाने की व्यवस्था की गई, ऑनलाईन टोकन की व्यवस्था की गई और तीन दिन के भीतर किसानों को भुगतान किया गया। किसानों के खाते में 22 हजार करोड़ रूपए का भुगतान किया गया। राज्य सरकार की नीतियों से किसानों का खेती-किसानी में विश्वास बढ़ा है और 11 लाख किसान खेतों की ओर लौटे हैं। किसानों की संख्या 12 लाख से बढ़कर 23.50 लाख हो गई। रकबा 24 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 31 लाख हेक्टेयर हो गया। पहले सरकार लगभग 55 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी करती थी, हमने इस वर्ष 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में अनेक राज्य सरकारों ने कर्मचारियों के वेतन में 30 प्रतिशत तक की कटौती की। जबकि छत्तीसगढ़ में कोई कटौती नहीं की। कर्मचारियों का वेतन बढ़ा और विधायकों की विकास निधि बढ़ाकर 4 करोड़ रूपए की गई। आवास के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि 11 लाख आवास स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 8 लाख पूर्ण हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ में मकान की पूर्णता का प्रतिशत आसाम, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखण्ड, आन्ध्रप्रदेश तथा कर्नाटक राज्यों से बेहतर है। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के सदस्यों से कहा कि उन्होंने आवास हेतु जो आवेदन एकत्र किए हैं वे मुझे दे दें उनका वेरिफिकेशन करवाया जाएगा। सरस्वती सायकल योजना के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के लिए वर्ष 2023-24 के बजट में 73 करोड़ 44 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।