रांची
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हेमंत सोरेन के जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर सुनवाई की। अदालत ने इस मामले में हेमंत सोरेन को राहत नहीं दी है।
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 21 मई को निर्धारित की है। अब वेकेशन कोर्ट में इस मामले की सुनवाई की जाएगी।
कोर्ट में ईडी ने ये कहा
कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया है। ईडी ने अदालत में बताया कि झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पहले ही खारिज कर चुकी है।
बता दें कि ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी की रात पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह रांची (Ranchi) के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारावास में बंद हैं।
13 और 10 मई को भी हुई थी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में ईडी की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले 13 मई को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की सुनवाई हुई थी।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने उनकी जमानत याचिका पर 13 मई को सुनवाई की थी। वहीं, 10 मई को हेमंत सोरेन की एक अन्य याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी।
उच्च न्यायालय को निर्देश देने की मांग की थी
इस याचिका में पूर्व सीएम ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाने के लिए हाई कोर्ट को निर्देश देने की मांग की थी। इस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने अप्रासंगिक बताया था और हेमंत सोरेन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
कार्यवाही के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच इस मामले में शीघ्र सुनवाई के लिए तैयार हो गई और सोरेन का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की अपील के बाद 21 मई की अगली तारीख तय की।
सिब्बल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मिसाल देते हुए कोर्ट से सोरेन के मामले में भी वैसी ही समानता दिखाने का अनुरोध किया। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद केजरीवाल को 10 मई को सु्प्रीम कोर्ट द्वारा लोकसभा चुनाव में राजनीतिक प्रचार के लिए 21 दिन की अंतरिम जमानत दे दी गई थी। सिब्बल ने भी कोर्ट को इस बात का आश्वासन दिया कि यदि सोरेन को अंतरिम जमानत दी जाती है तो वे भी दो जून को झारखंड के जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर देंगे।
ईडी का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सोरेन की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि नियमित जमानत के लिए उनकी याचिका पहले ही झारखंड की एक अदालत से खारिज हो चुकी है और एजेंसी के पास यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि पूर्व सीएम कथित भूमि घोटाले में अपराध की आय के लाभार्थी थे।