नई दिल्ली
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भारतीयों को चाय और कॉफी का सेवन सीमित करने की सलाह दी है. आईसीएमआर ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (एनआईएन) के साथ साझेदारी में जारी किए दिशानिर्देशों में बताया कि चाय और कॉफी के अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए क्योंकि उसमें कैफीन होता है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और साइकोलॉजिकल डिपेंडेंसी (शारीरिक निर्भरता, यानी आपके शरीर को किसी खाद्य पदार्थ की लत लग जाए और वो उसके बिना ठीक से काम ना करे) को प्रेरित करता है.संस्थान ने इसके अलावा प्रोटीन सप्लीमेंट से परहेज करने की भी सलाह दी है.
चाय-कॉफी में होता है कैफीन
इसमें कहा गया है कि 150 मिलीलीटर कप ब्रूड कॉफी में 80-120 मिलीग्राम कैफीन होता है, जबकि इंस्टेंट कॉफी में 50-65 मिलीग्राम और चाय में 30-65 मिलीग्राम होता है. आईसीएमआर ने कहा है कि 300 मिलीग्राम से ज्यादा कैफीन का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
आईसीएमआर ने साथ ही भोजन से कम से कम एक घंटे पहले और बाद में इन पेय पदार्थों का सेवन न करने की भी सलाह दी है क्योंकि इनमें टैनिन होता है जो शरीर में आयरन के अवशोषण को कम कर सकता है. टैनिन पेट में आयरन से चिपक जाता है जिससे शरीर के लिए आयरन को ठीक से अवशोषित करना कठिन हो जाता है. इससे आयरन की कमी और एनीमिया जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. अत्यधिक कॉफी के सेवन से हाई ब्लडप्रेशर और हृदय संबंधी दिक्कतें भी हो सकती हैं.
ज्यादा कैफीन से हो सकता है नुकसान
हालांकि गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि बिना दूध की चाय पीने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार और कोरोनरी धमनी रोग और पेट के कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम होने जैसे कई लाभ होते हैं लेकिन फिर भी इसे सीमित मात्रा में ही पीना चाहिए. दिशानिर्देशों में आईसीएमआर ने तेल, चीनी और नमक का सेवन सीमित करते हुए फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन मीट और समुद्री भोजन को भी शामिल करने की सिफारिश की गई है.
इन दिशा-निर्देशों के साथ सहमत होते हुए सीके बिड़ला अस्पताल, दिल्ली के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के सलाहकार, डॉ. विकास जिंदल ने कहा कि भोजन से पहले या बाद में चाय या कॉफी पीने से शरीर आयरन जैसे महत्वपूर्ण खनिजों को अवशोषित करने में दिक्कत होती है जिसके परिणामस्वरूप इन खनिजों की शरीर में कमी हो सकती है.
डॉ. जिंदल ने कहा, आयरन अवशोषण के अलावा भोजन के साथ पेय पदार्थ पीने से पेट में एसिड डाइलूट हो सकता है जो पाचन के लिए जरूरी होता है. डॉ जिंदल ने कहा कि यह भोजन के टूटने और पोषण अवशोषण को प्रभावित कर सकता है और आखिर में ओवरऑल डाइजेशन और पोषक तत्वों के अवशोषण पर प्रभाव डालता है.
तो क्या बिना दूध वाली चाय एक अच्छा विकल्प है?
दूध के बिना चाय का विकल्प पोषक तत्वों के अवशोषण को बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं करता है क्योंकि दूध आयरन जैसे कुछ पोषक तत्वों के अवशोषण को और बाधित कर सकता है. डॉ. जिंदल ने बताया. हालांकि यह ध्यान रखना जरूरी है कि चाय या कॉफी, यहां तक कि दूध के बिना भी वाली इन चीजों में भी कैफीन और टैनिन होते हैं जो अपने-आप में पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए कुल मिलाकर इनका सेवन ज्यादा मात्रा में नुकसानदायक हो सकता है.