जबलपुर.
तीन साल बाद मध्य प्रदेश में नर्सिंग की परीक्षाएं आयोजित होने जा रही है. ये परीक्षाएं आज बुधवार यानी 15 मई से शुरू होगी. इन परीक्षाओं में तीस हजार से ज्यादा छात्र शामिल होंगे. इसके लिए पूरे प्रदेश में 181 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ये परीक्षाएं कराएगी. ये एग्जाम बीएससी प्रथम वर्ष 2020-21, बीएसई तृतीय वर्ष 2019-20, एमएससी प्रथम वर्ष 2020-21 के लिए होंगे. निजी नर्सिंग कॉलेज के फर्जीवाड़े के चलते 3 सालों से ये परीक्षा नहीं हो सकी थी. इस परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र यानी हॉल टिकट जारी कर दिए गए हैं. इस परीक्षा के आवेदन से चूके स्टूडेंट्स 14 मई तक ऑनलाइन आवेदन करे थे . परीक्षा से जुड़ी पूरी जानकारी https://mpmsu.edu.in/ वेबसाइट पर उपलब्ध है.
बताया जाता है कि, नर्सिंग की परीक्षा सुबह 10:30 से 1:30 बजे तक होगी. ये परीक्षा कोरोना और फर्जीवाड़े के चक्कर में फंस गई थी. इसकी वजह से हजारों छात्रों को तगड़ा झटका लगा था. अब ये परीक्षा होने से छात्रों को बड़ी राहत मिली है. छात्रों का कहना है कि हम तीन साल से इस परीक्षा का इंतजार कर रहे थे. अभी तक लग रहा था कि ये परीक्षा नहीं होगी और हमारा भविष्य लटक जाएगा. कई छात्रों ने अन्य राज्यों में नर्सिंग के लिए प्रवेश परीक्षा दे दी थी. लेकिन, अब छात्र यहां भी परीक्षा दे सकेंगे.
साढ़े तीन सौ से ज्यादा कॉलेज शक के घेरे में
गौरतलब है कि, पूरे देश में उस वक्त हड़कंप मचा था जब मध्य प्रदेश के 364 नर्सिंग कॉलेज शक के घेरे में आ गए थे. आरोप लगा था कि इन कॉलेजों ने जमकर फर्जीवाड़ा किया है. उसके बाद इस फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ली थी. सीबीआई ने 308 कॉलेजों की जांच शुरू कर दी थी. चौंकाने वाली बात यह है कि 56 कॉलेज पर तो खुद सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है. बता दें, जांच एजेंसियों ने 308 में से 169 नर्सिंग कॉलेजों को क्लीन चिट दे दी है. एजेंसियों को 65 कॉलेजों में अनियमितता मिली है. जबकि, 74 नर्सिंग कॉलेजों में अनियमितता का स्तर कम है. सीबीआई ने अपनी जांच में 139 नर्सिंग कॉलेजों को अयोग्य बताया है. इन कॉलेजों में पढ़ने वाले हजार छात्रों का भविष्य खतरे में है.