लखनऊ
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को लखनऊ में हुई चुनावी सभा में एक बार फिर उत्तर प्रदेश के बटवारे की चाल चली है। उन्होंने कहा है केंद्र की सरकार में आने का मौक़ा मिला तो अवध को नए राज्य का दर्जा दिया जाएगा। मायावती ने 31 मिनट के भाषण में दलितों, पिछड़ों, मुसलमानों व किसानों के साथ गरीबों को साधने का काम किया। उन्होंने दलित समाज के वोट बैंक को हर स्तर पर भाजपा, कांग्रेस व सपा से सचेत किया।
मायावती ने लखनऊ में पीजीआई समीप चुनावी सभा में यह भी कहा कि चुनाव फ्री एंड फेयर हुआ तो भाजपा सत्ता में नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद सबसे अधिक केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही है। उसकी ग़लत नीतियों की वजह से ही आज भाजपा केंद्र की सत्ता में है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब द्वारा बनाए गए संविधान के मुताबिक़ दलितों और पिछड़ों को आरक्षण नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था ख़त्म करने की देन भी इन्ही सरकारों की है।
उन्होंने कहा कि हमें भाजपा और कांग्रेस गठबंधन को यह सत्ता में आने से रोकना होगा। इस बार बसपा की लोगों को किसी भी क़ीमत पर गुमराह नहीं होना है। वह बसपा के लोगों को वोट के बल पर अपनी ताक़त का एहसास विपक्षियों को कराना है। उन्होंने कहा कि आज धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति काफ़ी ख़राब है। मुसलमानों का विकास रुक गया है। हिंदुत्व की आड़ में मुसलमान उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं। किसानों को परेशान किया जा रहा है। बतादें कि लोकसभा चुनाव में अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए राजनीतिक दल हर तरह के चुनावी वादे करते नजर आ रहे हैं। कोई किसानों के हितैशी बना है तो कोई महंगाई को लेकर सत्ता पक्ष को जिम्मेदार ठहरा रहा है। हालांकि देश का वोटर किसे सत्ता में बिठाएगा? ये तो चार जून के बाद ही पता चलेगा।