वॉशिंगटन.
दो दशकों से भी अधिक समय में सबसे शक्तिशाली सौर तूफान शुक्रवार को पृथ्वी से टकराया था। इस वजह से दुनिया के कई देशों में ध्रुवीय ज्योति (ऑरोरा) जैसा नजारा देखने को मिला। अब बताया जा रहा है कि यह रोशनी आज भी कई देशों में दिखाई दे सकती है।
सौर तूफान के बाद आसमान में एक अदभुत रोशनी देखने को मिल रही है। यह आमतौर पर ग्रह के सुदूर उत्तरी इलाकों तक ही सीमित है, इसलिए उनका उपनाम 'उत्तरी रोशनी' है।
ब्रिटेन में उत्तरी रोशनी, जिसे ऑरोरा बोरेलिस के नाम से भी जाना जाता है, के दुर्लभ नजारे देखे गए हैं। लिवरपूल, केंट, नॉरफॉक और ससेक्स सहित कई इलाकों में लोगों ने रोशनी की तस्वीरें साझा की हैं। स्कॉटलैंड के कुछ हिस्सों में भी यह दिखाई दी है। इस सौर तूफान का असर आज जारी रहेगा और इसके असर से कई जगहों पर संचार उपग्रह और पावर ग्रिड्स को नुकसान हो सकता है।
ऐतिहासिक रात जीने का एहसास
खगोलशास्त्री एरिक लागाडेक ने पहली रात के बाद सोशल मीडिया पर लिखा, 'मुझे फ्रांस में एक ऐतिहासिक रात जीने का एहसास हुआ। यह वास्तव में सौर कणों और भावनाओं से भरी हुई थी। ऐसी अच्छी जगह ढूंढे, जहां से आप यह रोशनी देख सकें।'
आज रात बाहर जाएं और देखें
रीडिंग विश्वविद्यालय में अंतरिक्ष भौतिकी के प्रोफेसर मैथ्यू ओवेन्स ने बताया कि जबकि प्रभाव मुख्य रूप से ग्रह के उत्तरी और दक्षिणी अक्षांशों पर महसूस किए जाएंगे, वे कितनी दूर तक फैलेंगे यह तूफान की अंतिम ताकत पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, 'मेरी सलाह होगी कि आज रात बाहर जाएं और देखें क्योंकि अगर आपको ऑरोरा दिखाई देता है, तो यह काफी शानदार चीज है।' अगर लोगों के पास सूर्य ग्रहण देखने वाले चश्मे हैं, तो वे दिन के समय सनस्पॉट समूह को भी देख सकते हैं। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के अंतरिक्ष मौसम अनुमान केंद्र के अनुसार, कई कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) के चलते धरती पर यह तूफान आया। उल्लेखनीय है कि सूर्य की सतह से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के निकलने को कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है।
आखिरी बार अक्तूबर 2003 में धरती से टकराया था शक्तिशाली सौर तूफान
इससे पहले अक्तूबर 2003 में सौर तूफान धरती से टकराया था। उस सौर तूफान को हैलोवीन तूफान नाम दिया गया था और उसके असर से पूरे स्वीडन में बिजली व्यवस्था ठप हो गई थी और साथ ही दक्षिण अफ्रीका में पावर ग्रिड्स को भारी नुकसान हुआ था। एनओएए का अनुमान है कि आने वाले दिनों में कई और सौर तूफान आ सकते हैं। सौर तूफान के चलते ऑस्ट्रेलिया और उत्तरी यूरोप में ध्रुवीय ज्योति (Auroras) की घटनाएं देखने को मिलीं। ध्रुवीय ज्योति की घटना में सूर्य से आने वाले पार्टिकल्स जब धरती के चुंबकीय क्षेत्र में दाखिल होते हैं तो इससे जो प्रतिक्रिया होती है, उसके असर से सूर्य से आने वाले पार्टिकल्स चमकदार रंग-बिरंगी रोशनी के रूप में दिखते हैं।
फिलहाल बिजली या नेटवर्क में नहीं आई कोई समस्या
शुक्रवार को आए तूफान को पांच भू-चुंबकीय स्थितियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। शनिवार को जी3 से जी5 की स्थिति देखी गई, जिसमें जी4 या उच्चतर स्थितियों की भविष्यवाणी रविवार को की गई और जी3 की स्थिति सोमवार को संभव है। लेकिन अधिकारियों की शुरुआती चिंताओं के बावजूद इस बार बिजली या संचार नेटवर्क में कोई बड़ा व्यवधान सामने नहीं आया है।
एलन मस्क ने कही यह बात
एलन मस्क, जिनके स्टारलिंक उपग्रह इंटरनेट ऑपरेटर के पास पृथ्वी की निचली कक्षा में लगभग 5,000 उपग्रह हैं, ने कहा कि उनके उपग्रह बहुत दबाव में थे, लेकिन अब तक टिके हुए हैं। हालांकि चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष मौसम केंद्र ने शनिवार सुबह एक रेड अलर्ट जारी किया। चेतावनी दी गई कि तूफान देश के अधिकांश क्षेत्रों में संचार और नेविगेशन को प्रभावित करेगा।