नई दिल्ली
दिल्ली में बाहरी जिला पुलिस ने पश्चिम विहार इलाके में अमेरिकी नागरिकों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंड़ाफोड़ किया है। पुलिस ने एक महिला समेत 12 जालसाजों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का इंजीनियर बताकर समस्या का समाधान करने का झांसा देकर ठगी करते थे। पकड़े गए आरोपियों में विकासपुरी निवासी साहिल चटवाल, लाडपुर निवासी नवीन डबास, दिल्ली कैंट निवासी रविंदर, जहांगीरपुरी निवासी पीयूष, चंदर विहार निवासी गौतम, विजय विहार निवासी जफरशाह, बुध विहार निवासी सुभाष, राजौरी गार्डन निवासी लवीश, यूपी के मुरादाबाद निवासी आकाश, यूपी के आगरा यूपी निवासी ऋषभ, यूपी के लखीमपुर खीरी निवासी शरद और एक महिला शामिल है। पुलिस ने बताया कि आरोपी हर माह में करीब पांच करोड़ रुपये की ठगी कर रहे थे। पिछले दो साल से फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था।
पुलिस को सूचना मिली थी कि पश्चिम विहार के मादीपुर इलाके में कुछ लोग फर्जी कॉल सेंटर चला रहे हैं। सूचना के आधार पर टीम ने नौ मई की सुबह एक मकान पर छापामार कर एक महिला समेत 12 लोगों को दबोच लिया। जांच में पता चला है कि आरोपी ऐप बीएसओडी, गूगल वॉयस, ब्राउज़र लॉगिन, माइक्रो एसआईपी के माध्यम से नेट कॉलिंग के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों को ठगते थे। इनके कब्जे से 16 लैपटॉप, 12 लैपटॉप चार्जर, 2 वाईफाई राउटर, 9 हेड फोन और 13 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इलाके में साइबर ठगी के मामले होते रहते हैं। ऐसे में विभिन्न थाना क्षेत्रों में समय-समय पर पुलिस लोगों को जागरूक करती रहती है। लोगों को भी इस संबंध में सावधानी बरतनी चाहिए।
सिस्टम को ब्लॉक कर मदद के लिए करते थे कॉल
आरोपी ऐप के जरिए अमेरिकी नागरिकों के सिस्टम को ब्लॉक कर देते थे। इसके बाद पीड़ित को मदद के लिए आरोपी कॉल करते थे। खुद को माइक्रोसॉफ्ट का इंजीनियर बताकर मदद के नाम पर डॉलर की मांग करते थे। पैसे आने के बाद वह पीड़ितों का नंबर ब्लॉक कर देते थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि गैंग का सरगना साहिल चटवाल है, जो अपने साथी नवीन डबास के साथ फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था।