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मौसमी बुखार जरा संभलकर

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बदलते मौसम में वायरल फीवर होना आम बात है। मौसम बदलने और तापमान के उतार-चढाव के कारण हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर हो जाता है और वायरस से शरीर संक्रमित हो उठता है। आमतौर पर लोग वायरल फीवर को आम बुखार समझ कर घर में पडी कोई भी दवा खा लेते हैं लेकिन इसे ज्यादा दिनों तक नजरअंदाज कर देने से गंभीर परेशानियां भी हो सकती हैं। गले में दर्द या खराश, शरीर में टूटन और खांसी का रह-रह कर आना वायरल फीवर के शुरुआती लक्षण हैं। इन लक्षणों को इग्नोर करने पर इसके वायरस पनपने लगते हैं। इसके बाद सप्ताह भर तक शरीर बुखार की चपेट में घिरा रहता है

वायरल फीवर के लक्षण…

1. गले में दर्द होना

2. बदन दर्द या मसल्स पेन

3. खांसी आना

4. सिरदर्द या त्वचा में रैशेज होना

5. सर्दी-गर्मी लगना

6. आंखों में जलन

7. थकान महसूस होना

8. तेज बुखार।

आम फीवर से अलग:- वायरस शरीर पर हमला करता है तो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता उस वायरस को खत्म करने की कोशिश करती है। संक्रमित व्यक्ति के छींकने और खांसने से हवा में फैलने वाले वायरस के संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी इसकी चपेट में आ जाता है। ऐसे कई तरह के वायरल फीवर होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं डेंगू, चिकनगुनिया और मच्छरों के काटने से होने वाले कई तरह के बुखार आदि।

क्या है इसका इलाज:- वायरल होने पर शरीर में थकान का एहसास होता है और बहुत कमजोरी महसूस होती है। तेज बुखार होने पर पैरासिटामोल जैसी दवा ही लेनी चाहिए। बुखार के दौरान गला काफी सूखता है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए। गले में खराश या दर्द हो तो गर्म पानी में नमक डाल कर उससे गरारा करें। सुबह-शाम ऐसा करने पर राहत महसूस होगी। जितना हो सके, आराम करें। इसके अलावा दिन भर हलका गुनगुना पानी पीते रहें। ध्यान रखें कि इस दौरान किसी भी एंटीबायोटिक दवा का सेवन न करें क्योंकि एंटीबायोटिक लेने से बुखार पर इसका असर नहीं होता, बल्कि शरीर में थकान और कमजोरी का एहसास ज्यादा होने लगता है। तीन दिन से अधिक बुखार रहे तो अपने नजदीकी चिकित्सक से जांच कराएं।

बरतें सावधानी…

-विटमिन सी का सेवन अधिक करें। यह हमारे इम्यून सिस्टम को सही रखता है।

-हलका खाना ही खाएं

-पत्तेदार सब्जियां, फूलगोभी और अरबी न खाएं

-हल्दी, अजवाइन, अदरक और हींग का अधिक सेवन करें

-ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पिएं

-रेस्ट करें और बासी खाना न खाएं

-गर्म पानी की भाप लें

-छींकते वक्त मुंह पर रूमाल बांधें

-घर पर इलाज न करें, तुरंत चिकित्सक को दिखाएं