मोतिहारी.
मोतिहारी के कुख्यात अपराधी कुणाल सिंह को एके-47 बरामदगी मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवराज त्रिपाठी ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा उसे विभिन्न धाराओं में बयालीस हजार रूपए अर्थ दंड की सजा भी मिली है। अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि अर्थ दंड नहीं देने पर अपराधी कुणाल सिंह को अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
कुख्यात अपराधी कुणाल सिंह पर 17 से अधिक अपराधिक मामले दर्ज है। मोतिहारी एसपी कांतेश मिश्रा के जिला में योगदान लेने के महज 75 दिन के अंदर ही कुणाल सिंह के घर पर फिल्मी अंदाज में छापेमारी कर AK 47, विदेशी पिस्टल, दो लोडेड मैगजीन और 20 से अधिक वॉकी-टॉकी के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद एसपी ने जानकारी देते हुए कहा था कि इस मामले में अपराधी कुणाल सिंह पर स्पीडी ट्रायल चलाया जायेगा और महज 14 माह में ही उसे सजा सुना दी गई। 7 मई को अदालत ने तमाम गवाह एवं सबूतों के आधार पर कुणाल सिंह को दोषी करार दिया था, और 8 मई को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
यह है कुणाल सिंह का आपराधिक इतिहास
पिपरा कोठी थाना के कुड़िया बंगरी निवासी अशर्फी सिंह का पुत्र कुणाल कुमार सिंह एक साधारण परिवार का रहने वाला था। गलत सम्पर्क में आने के बाद कुणाल सिंह ने सबसे पहले एक मई 2015 को मुखिया बीरेंद्र ठाकुर की गोली मार कर हत्या कर चर्चे में आया था। उसके बाद 16 जनवरी 2017 को मुखिया मालती देवी के पुत्र राजकपूर की गोली मार कर हत्या कर दी। उस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया। उसके बाद 27 मार्च 2017 को मोतिहारी जेल से भाग कर 11 मई को बेतिया जेल में पेशी के दौरान उत्तर बिहार के कुख्यात अपराधी बबलू दूबे की कोर्ट परिसर में गोलियों से भून दिया था।
कितने मामलों का है आरोपी कुख्यात अपराधी कुणाल सिंह
कुख्यात अपराधी कुणाल सिंह पर जिले दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज है, जिसमे हत्या,रंगदारी, लूट के मामले शामिल हैं। कुणाल को मोतिहारी पुलिस ने फिल्मी अंदाज में उसके घर से गिरफ्तारकिया था। कुख्यात कुणाल के पास से लोडेड AK – 47, एक विदेशी पिस्टल दो लोडेड मैगजीन छह वॉकी टॉकी भी बरामद किया था। कुख्यात कुणाल पर जिले के अलग-अलग थाना में हत्या, रंगदारी, पुलिस टीम पर हमला सहित 17 मामला दर्ज हैं। रक्सौल के कैंब्रिज स्कूल पर AK 47 से फायरिंग और 2022 में उत्पाद टीम पर फायरिंग मामले में फरार चल रहा था, जिसमे उसकी गिरफ्तारी हुई।
कुणाल की गिरफ्तारी का सुबह में पुलिस लाइन में एसपी ने बनाया था योजना
कुणाल सिंह के गिरफ्तारी को लेकर मोतिहारी एसपी कांतेश मिश्रा ने बड़ी रणनीति बनाई थी। एसपी को सूचना मिली की कुनाल के पास AK- 47 जैसा अत्याधुनिक हथियार है वह बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने अधिकारियों के साथ बड़ी रणनीति बनाई और 15 मार्च 2023 को उसके घर पर फिल्मी स्टाइल में छापेमारीकर उसे स्वचालित हथियार के साथ दबोचा था।
सादे लिबास में ऑटो से दबोचने गए थे पुलिसकर्मी
पुलिस का कहना है कि मोतिहारी पुलिस ने जिस तरह से कुणाल को दबोचा, इस बात की चर्चा हर ओर होने लगी। कुणाल सिंह को दबोचने के लिए पुलिस के अधिकारी सादे लिबास में ऑटो में सवार होकर कुणाल के ठिकाने पर पहुंचे। पिपरा कोठी थाना क्षेत्र के कुड़िया गांव में जैसे ही मोतिहारी पुलिस ने दबिश दी, कुणाल को इस बात की भनक मिल गई कि ऑटो में सवार लोग परिचित नहीं है, पुलिस वाले हो सकते है। कुणाल अपने साथियों के साथ भागने लगा, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे खदेड़कर दबोच लिया। पुलिस ने मौके पर उसके कमर से चेक रिपब्लिक पिस्टल और कई कारतूस बरामद किया। हालांकि पुलिस इस बात से कन्फर्म थी कि कुणाल के पास AK- 47 राइफल भी है। पुलिस ने उसके ठिकाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया और AK- 47 राइफल, कारतूस और वॉकी टॉकी बरामद किया था।