रांची.
36 करोड़ रुपये की नकदी बरामदगी के मामला इन दिनों चर्चाओं में है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को मंत्री के सचिव संजीव कुमार लाल और मंत्री के नौकर जहांगीर आलम को पीएमएलए अदालत में पेश किया। निदेशालय ने अदालत को बताया कि झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव ने कुछ प्रभावशाली लोगों की ओर से टेंडरों पर कमीशन इक्ट्ठा किया था। उन्होंने दावा किया कि ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी ऊपर से नीचे तक अवैध नकद भुगतान सांठगांठ में कथित रूप में शामिल थे।
अदालत में ईडी ने कहा कि निविदाओं और इंजीनियरों से कमीशन की वसूली के बाद कमीशन का कुछ प्रतिशत सरकार के उच्च अधिकारियों को वितरित किया जाता था। मामले में कई वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं के नाम सामने आए हैं। इसकी जांच की जा रही है। ईडी ने कहा कि भुगतान आमतौर पर नकदी में प्राप्त किया जाता था, जिसे बाद में सफेद कर दिया जाता था। इस पूरे गुनाह का खुलासा होना महत्वपूर्ण है। ईडी ने दावा किया कि लाल और आलम ने अवैध धन को विभिन्न स्थानों पर छिपाया था। आलम के नाम पर पंजीकृत दो वाहन भी परिसर में पाए गए, जहां छापामारी की गई थी। ईडी ने तमाम दलील देते हुए दोनों आरोपियों की हिरासत मांगी, जिसे न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत ने स्वीकार की और दोनों छह दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया।
रांची के फ्लैट से मिले 32 करोड़ रुपये
ईडी ने सोमवार को संजीव लाल के साथ ही उनके नौकर जहांगीर आलम, बिल्डर मुन्ना सिंह और उनके करीबियों समेत नौ ठिकानों पर छापेमारी की। कार्रवाई राज्य ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं के मामले में की गई थी। छापेमारी के तहत रांची के एक 2 बेडरूम फ्लैट में छापा मारा गया। यह फ्लैट कथित तौर पर संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम का है। इस फ्लैट से ईडी ने 32 करोड़ रुपये बरामद किए। वहीं अन्य ठिकानों पर छापेमारी से तीन करोड़ रुपये नकद बरामद किए। इस तरह अब तक कुल 35 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हो चुकी है। वहीं झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम ने अपनी ओर से कोई भी गलत काम से इनकार किया है। छापेमारी में बड़ी संख्या में नकदी बरामद हुई, जिसकी गिनती के लिए नोट गिनने वाली पांच मशीने और बैंक के कर्मचारियों को लगाया गया। ईडी ने छापेमारी में जमीन जायदाद के दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
बीते साल के मामले में की ईडी ने छापेमारी
छापेमारी में बरामद हुई नोटों की गड्डियों को वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ईडी ने बीते साल रांची में ग्रामीण कार्य विभाग में मुख्य अभियंता के तौर पर तैनात वीरेंद्र कुमार राम के ठिकानों पर छापेमारी की। राम पर आरोप था कि उसने ठेकेदारों को निविदा आवंटित करने के बदले रिश्वत लेकर अवैध कमाई की। एजेंसी ने वीरेंद्र कुमार राम की 39 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इसी मामले में ईडी ने सोमवार को फिर से राज्य में छापेमारी की, जिसमें एक बार फिर से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई है।