नोएडा
उत्तर प्रदेश के नोएडा में कुत्ते के काटने का मामला सामने आया है। लोटस 300 सोसायटी से इस प्रकार का मामला सामने आया है। सेक्टर 107 स्थित लोटस 300 सोसायटी में लिफ्ट के अंदर पालतू कुत्ते ने बच्ची को काट लिया। बच्ची के दाहिने हाथ पर कुत्ते के दांतों के गंभीर निशान आए हैं। बच्ची को पास के अस्पताल में इलाज कराया गया। इस घटना के बाद से बच्ची काफी डरी हुई है। घटना 3 मई देर रात की है। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज वायरल हो रहा है। सोसायटी के टावर 2 में रात 9 बजे बच्ची लिफ्ट से नीचे उतर रही थी। जैसे ही सेकंड फ्लोर पर लिफ्ट का दरवाजा खुला अचानक डॉगी अंदर आया है हमला कर दिया।
नोएडा की सोसायटी की लिफ्ट में कुत्ते के हमले का वीडियो भी सामने आया है। इसमें कुत्ते के बच्ची पर हमला का मामला सामने आया है। हमले के दौरान एक आदमी लिफ्ट में आकर किसी तरह डॉगी को बाहर निकलता दिखा। उसके बाद बच्ची ने किसी तरह लिफ्ट का दरवाजा बंद करके अपने को सुरक्षित करने का प्रयास करती दिख रही है। शिकायत में बताया गया कि ये पालतू डॉगी इससे पहले भी टावर 2 के फ्लैट नंबर 201 की एक महिला को भी काट चुका है।
पीडित परिवार ने लगाया आरोप
पीड़ित परिवार ने बताया कि ये पालतू डॉगी बिना किसी सेफ्टी के ही ऐसे ही लॉबी में घूमता रहता है और जैसे ही लिफ्ट का दरवाजा खुलता है वह हमला कर देता है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि किस प्रकार पालतू कुत्ते को लॉबी में ऐसे ही छोड़ा जाता है। नोएडा में डॉग पॉलिसी लागू है। डॉग पॉलिसी में स्पष्ट किया गया है कि पालतू कुत्ते को घर से बाहर निकालने पर मुंह में मजल लगाना जरूरी है। कोई भी नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई है। अब इस प्रकार की घटनाओं के बढ़ने के बाद डॉग पॉलिसी पर सवाल उठने लगे हैं।
लगातार सामने आ रहे हैं डॉग बाइट के मामले
नोएडा में डॉग बाइट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा घटना के संबंध में सोसायटी और पुलिस की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है। इससे पहले अप्रैल में एक जर्मन शेफर्ड को गाजियाबाद के एक अपार्टमेंट परिसर में अपनी साइकिल चला रही छह वर्षीय लड़की पर हमला करते देखा गया था। मार्च में केंद्र सरकार ने राज्यों से पिटबुल टेरियर, अमेरिकन बुलडॉग, रॉटवीलर और मास्टिफ़्स सहित क्रूर कुत्तों की 23 नस्लों की बिक्री और प्रजनन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा।
केंद्र के निर्देश में कहा गया है कि जिनके पास पहले से ही पालतू जानवर के रूप में ये नस्लें हैं, उन्हें तुरंत इन्हें स्टरलाइज करना होगा। पशुपालन विभाग ने कहा कि उसे कुछ नस्लों को पालतू जानवर के रूप में रखने से लोगों पर प्रतिबंध लगाने के लिए नागरिक मंचों और पशु कल्याण संगठनों की ओर से ज्ञापन मिला है। हालांकि, इन निर्देशों के बाद भी डॉग बाइट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।