सुपरप्लम ने ताजे फलों के कारोबार के विस्तार के लिए निवेशकों से जुटाए 1.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर
स्टार्टअप सुपरप्लम ने अपने कारोबार के विस्तार के लिए निवेशकों से 1.5 करोड़ डॉलर जुटाए
भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि मार्च में 14 वर्ष के उच्चतम स्तर पर: पीएमआई
नई दिल्ली
प्रीमियम ताजे फल बेचने वाले कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप सुपरप्लम ने अपने कारोबार के विस्तार के लिए निवेशकों से 1.5 करोड़ डॉलर जुटाए हैं।
कंपनी ने जानकारी दी कि उसने 1.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाने के लिए ‘सीरीज ए फंडिंग राउंड’ पूरा कर लिया है।
‘सीरीज ए फंडिंग’ एक स्टार्टअप द्वारा पूंजी जुटाने की प्रक्रिया के चरणों में से एक है।
इस वित्त पोषण दौर का नेतृत्व कंपनी के नवनिर्वाचित चेयरमैन एरिक रैगेट्ज़ ने किया। रैगेट्ज़ वैश्विक निजी इक्विटी कंपनी हेलमैन एंड फ्रीडमैन के पूर्व साझेदार एवं वर्तमान वरिष्ठ सलाहकार हैं।
कंपनी के अनुसार, सुपरप्लम ‘सीरीज ए फंडिंग’ के जरिए जुटाए गए धन का इस्तेमाल भारत में बुनियादी ढांचे के निर्माण तथा उत्पाद आपूर्ति श्रृंखलाओं को बदलने के लिए करेगी।
सुपरप्लम की स्थापना 2019 में की गई थी। यह भारत के 22 राज्यों में किसानों के साथ काम करती है। साथ ही पूरे वर्ष 25 फलों के लिए आधुनिक ‘सोर्सिंग’ और आपूर्ति श्रृंखला चलाती है। यह आम, लीची, सेब, अंगूर, चेरी और बेर जैसे फल बेचता है।
एरिक रैगेट्ज़ ने कहा, ‘‘…सुपरप्लम के पास पास एक अविश्वसनीय रूप से मूल्यवान उद्यम बनाने का अवसर है।’’
कंपनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी शोभित गुप्ता ने कहा, ‘‘ तेजी से बढ़ते भारतीय उपभोक्ता बाजार में मांग तेज है। हालांकि, भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी प्रगति की है लेकिन ताजा उपज में प्रौद्योगिकी तथा निवेश की कमी अब भी बनी हुई है।’’
सुपरप्लम की सेवाएं ऑनलाइन मंच अमेजन फ्रेश, ज़ेप्टो, स्विगी और ब्लिंकिट पर उपलब्ध हैं।
कंपनी के प्रीमियम फल स्पार, मेट्रो, लुलु, मॉडर्न बाजार, मोर और ट्रेंट जैसे प्रमुख खुदरा विक्रेताओं के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और बेंगलुरु के कई स्टोर पर भी उपलब्ध हैं। मुंबई में भी यह जल्द उपलब्ध होंगे।
भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि मार्च में 14 वर्ष के उच्चतम स्तर पर: पीएमआई
नई दिल्ली
भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अनुकूल आर्थिक परिस्थितियों और मजबूत मांग के दम पर अप्रैल में 14 वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है।
मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया भारत सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक मार्च में 61.2 थी जो अप्रैल में गिरकर 60.8 हो गई।
खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम अंक का आशय संकुचन से होता है।
एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘ अप्रैल में भारत की सेवा गतिविधियों में थोड़ी धीमी गति से वृद्धि हुई, जिसे घरेलू मांग में उल्लेखनीय मजबूती के साथ नए ठेकों और वृद्धि का समर्थन मिला।’’
घरेलू मांग में तेजी के अलावा, कंपनियों ने दुनिया के कई हिस्सों से नए कारोबारी लाभ का भी उल्लेख किया जिसने सामूहिक रूप से सितंबर 2014 में श्रृंखला शुरू होने के बाद से अंतरराष्ट्रीय बिक्री में दूसरी सबसे तेज वृद्धि को बल दिया।
इस बीच, एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स अप्रैल में 61.5 रहा जो मार्च में 61.8 था। यह 14 वर्षों में दूसरे सबसे मजबूत उछाल को दर्शाता है।
भंडारी ने कहा, ‘‘ समग्र गतिविधि के संदर्भ में, विनिर्माण व सेवा दोनों क्षेत्रों में कुल उत्पादन अप्रैल में उल्लेखनीय रूप से बढ़ा यद्यपि थोड़ी धीमी गति से जो इन क्षेत्रों में निरंतर बेहतरी का संकेत देता है।’’