नई दिल्ली
अमेरिका के अरबपति निवेशक वॉरेन बफे (Warren Buffett) ने कहा कि भारतीय बाजार में अवसरों की भरमार है और उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे भविष्य में इन अवसरों को तलाश करेगी। बर्कशायर हैथवे के पास 189 अरब डॉलर का रेकॉर्ड कैश है। यह रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) को छोड़कर भारत की सभी दूसरी कंपनियों के मार्केट कैप से ज्यादा है। मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी है जिसका मार्केट कैप 231.78 अरब डॉलर है। वहीं बर्कशायर हैथवे का कैश जून में 200 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। बफे की इस कंपनी का मार्केट कैप 865.43 अरब डॉलर है और यह दुनिया की आठवीं वैल्यूबल कंपनी है। बफे 132 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के नौवें सबसे अमीर शख्स हैं। इस साल उनकी नेटवर्थ में 12.3 अरब डॉलर की तेजी आई है।
बफे से बर्कशायर की सालाना बैठक में यह बात कही। भारतीय इक्विटी में निवेश करने वाले यूएस-आधारित हेज फंड, दूरदर्शी एडवाइजर्स के राजीव अग्रवाल ने उनसे दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनमी भारत में बर्कशायर की निवेश संभावनाओं के बारे में पूछा था। उन्होंने कहा, 'यह एक बहुत अच्छा सवाल है। मुझे यकीन है कि भारत जैसे देशों में बहुत सारे अवसर हैं।' बर्कशायर हैथवे के को-फाउंडर, चेयरमैन और सीईओ ने कहा, 'हालांकि, सवाल यह है कि क्या हमारे पास भारत में उन बिजनस के बारे में जानकारी है या कोई संपर्क है जो बर्कशायर के निवेश के लिए ट्रांजैक्शन को संभव बनाएगा। इसे बर्कशायर में अधिक ऊर्जावान मैनेजमेंट आगे बढ़ा सकता है।'
बफे के बाद कौन
93 साल के बफे ने कहा कि बर्कशायर हैथवे की दुनियाभर में अच्छी प्रतिष्ठा है। उन्होंने कहा कि जापान में उनका अनुभव शानदार रहा है। भारत में छिपा हुआ या अनछुआ मौका हो सकता है। लेकिन भविष्य में इसका फायदा उठाया जा सकता है। बर्कशायर की सालाना बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा आईफोन बनाने वाली दिग्गज ऐपल में हिस्सेदारी कम करने को लेकर हुई। बफे ने साफ किया इसका शेयर के बारे में कंपनी के लॉन्ग टर्म व्यू से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने शेयरधारकों को यह भी बताया कि वाइस-चेयरमैन ग्रेग एबेल और अजीत जैन ने अपनी उपयोगिता साबित की है। बफे ने कहा कि उनके जाने के बाद ये लोग बर्कशायर का नेतृत्व करने उपयुक्त लोग हैं।