लखनऊ
लोकसभा चुनाव के बीच सपा में एक बड़ा फेरबदल देखने को मिला। पार्टी ने बड़ा फैसला लेते हुए वरिष्ठ नेता श्यामलाल पाल को उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। पहले इस पद पर नरेश उत्तम पटेल थे। इस बार नरेश उत्तम पटेल फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। चुनावी व्यस्तता के चलते वह संगठन के काम पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे थे। श्यामलाल प्रयागराज के रहने वाले हैं। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव का ये दांव पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों के लिए है। पिछले साल ही श्यामलाल को पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी का उपाध्यक्ष बनाया गया था।
अपना दल के टिकट पर लड़ चुके चुनाव
समाजवादी पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष, श्यामलाल पाल प्रयागराज की प्रतापपुर विधानसभा सीट के रहने वाले हैं। श्यामलाल शिक्षाविद् हैं और एक इंटर कॉलेज में प्रिंसिपल के पद से रिटायर हुए हैं। श्यामलाल पिछले लगभग 20 सालों से समाजवादी पार्टी में है। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की कमेटी में उपाध्यक्ष थे और 2002 में अपना दल के टिकट पर प्रतापपुर सीट से विधानसभा का चुनाव भी लड़े थे। चुनाव लड़ने के कुछ दिनों बाद ही समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।
इस साल अखिलेश यादव का कहना है कि उनका ध्यान पीडीए पर है। इसमे पीडीए का मतलब पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक बताया है। अब अखिलेश ने श्यामलाल पाल को यूपी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाकर ओबीसी वोटर्स पर निशाना साधने की कोशिश की है। तीसरे चरण की वोटिंग से पहले पार्टी प्रदेश में जातीय समीकरण को साधने की कोशिश में लगे हैं।
सपा के वरिष्ठ नेताओं में शामिल श्यामलाल पाल की गिनती सपा के बड़े ओबीसी चेहरों के रूप में होती है। अक्टूबर 2021 में उन्हें प्रदेश महासचिव नियुक्त किया गया था। इसके बाद अगस्त 2023 में उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। पार्टी ने अब प्रदेश अध्यक्ष जैसा बड़ा दायित्व सौंपा है।
कौन हैं श्याम लाल पाल
श्याम लाल पाल प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के आला नगरी मोहिउद्दीनपुर गांव के रहने वाले हैं। वह जन सेवा इंटर कॉलेज मोहिउद्दीनपुर से प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत हुए थे।
श्यामलाल पाल 2007 से समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। सबसे पहले वह पार्टी में प्रदेश सचिव, इसके बाद प्रमुख महासचिव बनाए गए थे। वर्तमान में वह प्रदेश उपाध्यक्ष थे। वर्ष 2007 में अपना दल के टिकट पर प्रतापपुर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़े थे लेकिन पराजय का सामना करना पड़ा था।
इसके बाद वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। सोमवार को उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा उनके घर पर लग गया है।