Home देश एक्सपर्ट का दावा- राजीव गांधी को लेकर इजरायल ने कुछ खुफिया जानकारियां...

एक्सपर्ट का दावा- राजीव गांधी को लेकर इजरायल ने कुछ खुफिया जानकारियां साझा की थीं, बाद में गायब हो गए दस्तावेज

3

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी कई बार अपने पिता राजीव गांधी का जिक्र कर चुकी हैं। उन्होंने एक जनसभा में कहा कि उन्हें अपने पिता से विरासत में देशभक्ति मिली है। इसी बीच सुरक्षा मामलों के एक जानकारी ने दावा किया है कि पूर्व प्रधानंत्री राजीव गांधी को लेकर इजरायल ने कुछ खुफिया जानकारियां साझा की थीं। इजरायल द्वारा साझा किए गए दस्तावेजों में उनकी जान को खतरा बताया गया था। लेकिन 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद ये दस्तावेज भी गायब हो गए।

उन्होंने कहा, पिछले तीन या चार दशक में इजरायल ने जो भी जरूरी जानकारी साझा की है उसमें ये दस्तावेज सबसे ज्यादा अहम थे। आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक ये दस्तावेज पूर्व प्रधानंत्री राजीव गांधी के जीवन से जुड़े थे। हालांकि उनकी हत्या के बाद राजनीतिक माहौल भी तेजी से बदला और दस्तावेज गायब हो गए।

बता दें कि Usanas फाउंडेश की तरफ से आयोजित एक सेमीनार में सुरक्षा मामलों के जानकार नमित वर्मा ने ये बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि कि अलग-अलग देशों को सुरक्षा के मामलों में मिलकर काम करना होता है। ऐसी स्थिति बन गई थी कि इजरायल द्वारा दिए गए दस्तावेजों को या तो गायब कर दिया गया या फिर वे कहीं गुम हो गए। Usanas फाउंडेशन के अध्यक्ष अभिनव पंड्या ने बताया कि नमित वर्मा ग्लोबल जियोपॉलिटिक्स और सुरक्षा मामलों के जानकार हैं। उन्होंने कई संगीन मामलों में सरकार के साथ काम किया है।

वर्मा ने कहा, उन दस्तावेजों के खोने के बाद इजरायल से कई बार कहा गया कि उनकी दूसरी कॉपी दे दें। हालांकि इजरायल इस बात पर कभी सहमत नहीं हुआ। इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दो देशों के बीच में खुफिया जानकारी साझा करने में भी कैसे राजनीति की भूमिका रहती है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियां तब पैदा होती हैं जब वैश्विक राजनीति में बदलाव हो रहा होता है। वहीं किसी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो जाता है।

एक्सपर्ट ने बताया कि उस दस्तावेज में स्पष्ट कहा गया था कि पैसे दे दिए गए हैं। कथित गॉडमैन ने पैसे दिए हैं। बैकचैनल से सारी बातें पता चल गई थीं और खुफिया एजेंसियों को भी इसकी जानकारी थी। उन्हें सुरक्षा देने की बात कही गई थी इसके बावजूद सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया।