महाराष्ट्र
आज देश में सुरक्षा की भावना प्रदान करने के लिए पुलिस बल नियुक्त है। पुलिस समाज में शांति और व्यवस्था की रखवाली करती है और साथ ही अपराध को रोकने और घटित अपराधों की जांच करती है, पर आज के वर्तमान समय को देखते हुए ऐसा कह पाना उचित नहीं होगा, क्योकि वर्तमान में आम नागरिक तो क्या पुलिसवाले भी सुरक्षित नहीं है । बता दे कि मामला महाराष्ट्र का है, जहां एक सिपाही 28 अप्रैल की रात 9.30 बजे के करीब ट्रेन से ड्युटी जा रहा था। ड्यूटी पर जाने के दौरान वह दरवाजे पर खड़ा था और उसके हाथ में उसका फोन था । मुंबई में जैसे ही ट्रेन सिओन और मटूंगा के बीच धीरे हुई, एक बदमाश ने उसका फोन छीनने की कोशिश की ।
बदमाशों ने शरीर में जहरीला इंजेक्शन लगा दिया
इस दौरान उसका मोबाइल नीचे रेलवे ट्रैक पर गिर गया । इसके बाद बदमाश फोन लेकर भागने लगा।सिपाही पवार उसका पीछा करने लगा। कुछ दूर जाने पर आरोपी के अन्य साथी भी आ धमके और सिपाही के साथ मारपीट शुरू कर दी। लड़ाई के दौरान ही किसी ने उसे जहरीला इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद सिपाही को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक सिपाही मुंबई पुलिस के सशस्त्र इकाई में तैनात था। बताया जाता है कि कुछ दिन पहले रेलवे ट्रैक पर कुछ बदमाश उनका मोबाइल फोन छीन रहे थे। जब वह लुटेरों से मोबाइल फोने लेने की कोशिश कर रहे थे, तभी बदमाशों ने उनके शरीर में जहरीला इंजेक्शन लगा दिया था।
लाल रंग का लिक्विड भी उनके मुंह में डाल दिया
मिली जानकारी के अनुसार कांस्टेबल विशाल पवार ठाणे का रहने वाला था। जब उसकी मौत हुई, तब वह ठाणे के एक अस्पताल में भर्ती था। वहां गुरुवार को आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गया। बता दे कि यह घटना तब हुई जब पवार ड्यूटी पर जा रहा था। इस दौरान वह सादी वर्दी में था। इस कारण उसके साथ ट्रेन में लूटपाट हुई पवार ने पुलिस को बताया था कि कुछ दूर जाने पर उसे ड्रग्स लेने वाले लोगों के एक ग्रुप ने घेर लिया। इसके बाद उनके साथ हाथापाई भी हुई। ड्रग्स लेने वालों ने पवार के साथ धक्का मुक्की और मारपीट शुरू कर दी। इसी दौरान एक आरोपी ने पवार को जहरीला इंजेक्शन जैसा कुछ उसे शरीर में डाल दिया। साथ ही उनलोगों ने लाल रंग का कोई लिक्विड भी उनके मुंह में डाल दिया। इसके बाद पवार वहीं बेहोश होकर गिर गए।
होश आने के बाद हालत और भी बिगड़ी
पुलिस अधिकारीयों के अनुसार दूसरे दिन जब पवार को होश आया। उसके बाद उनकी हालत और भी बिगड़ने लगी। उनके परिवार वालों ने उसे थाने के अस्पताल में शिफ्ट कर दिया। अस्पताल में इलाज के दौरान पवार की हालत बिगड़ती ही चली गई। मौत होने से पहले पुलिस ने अस्पताल में उसका बयान दर्ज किया था। इसके बाद अज्ञात बदमाशों और नशेड़ियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। यह मामला रेलवे पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके बाद रेलवे पुलिस मामले की जांच में जुटी है ।