Home छत्तीसगढ़ बोरे बासी पर सियासी स्वाद, भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने

बोरे बासी पर सियासी स्वाद, भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने

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रायपुर

बोरे बासी पर एक बार फिर भाजपा-कांग्रेस के बीच सियासत शुरू हो गई है। लोकसभा चुनावों के बीच बोरे बासी को कांग्रेस भुनाना चाह रही है, वहीं भाजपा ने इसे कांग्रेस का शिगूफा करार दिया है। भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ संस्कृति के नाम पर छलावा किया। बोरे बासी को चम्मच में खाने वाले बोरे बासी का महत्व क्या बताएंगे। इधर, कांग्रेस ने एक मई को मजदूर दिवस के दिन बोरे बासी खाने की अपील की है। कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा श्रमिक विरोधी है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बोरे बासी खाकर तस्‍वीरें इंटरनेट मीडिया पर पोस्‍ट की। बैज ने कहा है कि श्रमवीरों के सम्मान में सभी कांग्रेसी एक मई को मजदूर दिवस के दिन बोरेबासी खा रहे हैं। बैज ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आम आदमी भी इस दिन श्रम का सम्मान करते हुए पारंपरिक भोजन बोरे बासी को खाए और बोरे बासी खाते हुए अपनी तस्वीर इंटरनेट मीडिया में अवश्य पोस्ट करें। बोरे बासी छत्तीसगढ़ की अस्मिता संस्कृति का प्रतीक है। यह हमारे किसानों, मजदूरों के सम्मान के साथ अपनी परंपरा पर अभिमान होगा। भाजपा किसान और छत्तीसगढ़ संस्कृति विरोधी है। इसीलिए वे बोरे बासी का विरोध कर रहे है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता को बोरे बासी के बारे में बताने की जरूरत नहीं है। प्रदेश की जनता सब जानती है कि बोरे बासी कैसे खाना है। यह रोज की दिनचर्या में शामिल हैं। छत्तीसगढ़ की परंपरा, संस्कृति व आचार-विचार का हिस्सा रहा है। यह सब जानते हैं कि कांग्रेसी ने बोरे बासी को कैसे खाया। कांटे वाले चम्मच से बोरे बासी खाना कोई कांग्रेस से सीखे। इन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति सभ्यता को बढ़ाने का नहीं बल्कि कम करने का काम किया है।