न्यूयार्क
अमेरिका के सैनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी शिक्षविद डॉ.अनुराग मैराल ने गत 10 साल को भारत की उल्लेखनीय प्रगति वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि पश्चिम मीडिया भारत की प्रगति को समझ नहीं पा रही है और उससे दूर बैठकर ईष्या के मारे अलग कहानियां लिख रहा है जिसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है। स्टैंडफोर्ड विश्वविद्यालय के स्टैंडफोर्ड बेयर्स सेंटर फॉर डिजाइन में वैश्विक संपर्क कार्यक्रम के निदेशक और औषधि विभाग के प्रोफेसर डॉ.मैराल ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ अगर आप वास्तविक स्थिति जानना चाहते हैं तो जमीन पर जाकर काम करें।''
उन्होंने कहा,‘‘मुझे लगता है कि भारत जैसे जटिल देश के लिए दूर से रिपोर्टिंग करना ऐसी कहानियां लिखने का एक नुस्खा है जो आपको विश्वसनीयता प्रदान नहीं करती हैं।'' मैराल भारतीय चुनावों, लोकतंत्र की स्थिति और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर पश्चिमी मीडिया में विशेष रूप से अमेरिका में हाल में प्रकाशित नकारात्मक लेखों की श्रृंखला को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अधिकांश प्रमुख वैश्विक मीडिया की जो रिपोर्ट सामने आ रही हैं, वे उन्हें कुछ मायनों में कम विश्वसनीय और हास्यास्पद बनाती हैं। हममें से अधिकांश जो भारत को जानते हैं वे अब वास्तव में उन खबरों या लेख का अनुसरण नहीं करते हैं क्योंकि हम उन्हें केवल सतही पाते हैं और वास्तविक आंकड़ों पर आधारित नहीं हैं।''
भारतीय लोकतंत्र के भविष्य और देश के अधिनायकवादी शासन की ओर बढ़ने के आरोपों के बारे में अमेरिकी मीडिया में प्रकाशित हो रही खबरों और विचारों को लेकर पूछे गए सवाल पर स्टैनफोर्ड के प्रोफेसर ने कहा कि यह सच्चाई से बहुत दूर है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से देश (भारत) को निकट भविष्य में निरंकुश शासन की दिशा में बढ़ते हुए नहीं देखता हूं। शायद कभी नहीं। मुझे भारतीय लोगों पर विश्वास है।'' डॉ.मैराल ने कहा, ‘‘भारतीयों में जबरदस्त आत्मविश्वास है, वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में बहुत ही जागरूकता हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘आमतौर पर पश्चिमी मीडिया के संभ्रांत लोग भारतीय मतदाताओं की परिपक्वता के स्तर की सराहना नहीं करते हैं और मुझे नहीं लगता कि वे (भारतीय) निरंकुशता के पक्ष में खड़े होंगे।''
उन्होंने कहा कि भारत विकास की उल्लेखनीय कहानी है। उन्होंने कहा, ‘‘कई मायनों में, भारत वहीं खड़ा है जहां चीन 20 साल पहले था। लेकिन वह चीन से अलग रास्ता अपना रहा है। यह निश्चित रूप से लोकतांत्रिक है, यह पश्चिम के साथ कहीं अधिक सहयोगात्मक तरीके से जुड़ा हुआ है।'' मैराल ने कहा कि सिलिकॉन वैली भारत को बहुत अलग नजरिए से देखती है। उन्होंने कहा, सिलिकॉन वैली महसूस करती है कि भारत पहले ही उसकी विकास यात्रा का हिस्सा है, क्योंकि भारत से आई प्रतिभाएं यहां कई कंपनियां चलाती हैं और यहां प्रतिभा पूल का हिस्सा हैं।