नई दिल्ली
अरविंदर सिंह लवली के दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों से होने लगी, की आखिर अब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कमान किसको सौंपी जाएगी? जानकारी के अनुसार, लवली के इस्तीफा देने के बाद कई नामों पर वैकल्पिक तौर पर जिम्मेदारी देने को मंथन किया जा रहा है. साथ ही इस बात पर भी चर्चा की जा रही है कि अब आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन रखा जाए या नहीं? राजनीतिक गलियारों में इन सब सवालों को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है.
पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि अगर आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन ना करके कांग्रेस अकेले चुनावी मैदान में उतरती है तो राजनीतिक उथल पुथल को थामा जा सकता है. आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने की वजह से यह राजनीतिक बखेड़ा खड़ा हुआ है. राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि अगर लोकसभा चुनाव आप पार्टी के साथ मिलकर नहीं लड़ा जाता है तो लवली के इस्तीफा वापस लेने की संभावना बन सकती है.
उधर, इस पर भी मंथन किया जा रहा है कि अगर लवली का इस्तीफा वापस नहीं होता है तो प्रदेश की कमान किसको सौंपी जाए. इसमें कई ऐसे बड़े नाम हैं जिन पर पार्टी आलाकमान को कोई आपत्ति नहीं होगी. इनमें कर्नाटक से राज्यसभा सांसद और एआईसीसी के कोषाध्यक्ष अजय माकन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कॉर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन सुभाष चोपड़ा, हारुन युसूफ, देवेंद्र यादव आदि नाम शामिल है.
सूत्र बताते हैं कि अजय माकन राष्ट्रीय पदाधिकारी हैं, इसलिए उनके नाम पर अड़चन भी आ सकती है. माकन की दिल्ली के नेताओं में अच्छी पकड़ है. राष्ट्रीय नेतृत्व के बेहद भरोसेमंद भी माने जाते हैं, लेकिन दिल्ली के नेताओं का एक धड़ा उनको पसंद नहीं करता है. इसके चलते कॉर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन सुभाष चोपड़ा पर सहमति बन सकती है. हालांकि, अरविंदर सिंह लवली को ही मनाने की पुरजोर कोशिश भी की जा रही है.
गौर करने वाली बात यह है कि इस बार प्रदेश कांग्रेस में कोई वर्किंग प्रेजिडेंट नहीं है. लवली के प्रदेश अध्यक्ष रहने से पहले पूर्व अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार के कार्यकाल में 3 वर्किंग प्रेजिडेंट नियुक्त हुए थे. इनमें हारुन युसूफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलौठिया के नाम प्रमुख रूप से शामिल थे.
गठबंधन से अलग लड़ने पर 4 सीटों कांग्रेस को और मिलेंगी: लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को 3 सीटें दिल्ली में दी हैं जिनमें नॉर्थ ईस्ट, नॉर्थ वेस्ट और चांदनी चौक लोकसभा सीट प्रमुख रूप से शामिल है. बाकी 4 सीटों ईस्ट दिल्ली, वेस्ट दिल्ली, साउथ दिल्ली और नई दिल्ली लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशी उतारे हैं. इन सीटों पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों का समर्थन कर रही है. अगर पार्टी दिल्ली में अकेले लड़ती है तो उसको 4 सीटें और मिल जाएंगी. हालांकि, पार्टी शुरुआती दौर से ही सातों सीटों को लेकर ही तैयारी कर रही है.
लवली के साथ मीटिंग कर मनाने का प्रयास: अरविंदर सिंह लवली को मनाने की कोशिश भी की जा रही है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की तरफ से पहले से ही एक कार्डिनेशन कमेटी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की अगुवाई में गठित की गई है. बताया जा रहा है कि वो लवली के साथ मीटिंग कर उनको मनाने का प्रयास करेंगे. कार्डिनेशन कमेटी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच अलग-अलग मसलों पर सामंजस्य स्थापित करने के लिए गठित की गई थी. पार्टी में अब राजनीतिक उथल पुथल को 'डैमेज कंट्रोल' करने की कवायद की जा रही है.