नई दिल्ली
खनन समूह वेदांता लिमिटेड को होल्डिंग कंपनी स्तर पर देनदारी प्रबंधन के बाद नकदी प्रवाह पर कम दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
विश्लेषकों ने यह राय देते हुए कहा कि समूह बढ़ती जिंस कीमतों का फायदा उठाने के लिए सबसे बेहतर स्थिति में है।
एल्यूमीनियम, बिजली और जिंक में बेहतर प्रदर्शन से कंपनी को जनवरी-मार्च तिमाही में 87,600 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। यह आंकड़ा तिमाही आधार पर चार प्रतिशत अधिक है।
बेहतर प्रदर्शन का श्रेय एल्यूमिनियम और जिंक में उत्पादन की कम लागत और अधिक बिक्री को जाता है।
वेदांता थोड़ी देरी के बाद चालू वित्त वर्ष 2024-25 में एल्यूमिना, एल्यूमीनियम, अंतरराष्ट्रीय जिंक विस्तार को पूरा करने के लिए तैयार है। इसके बाद 2025-26 से समूह बिक्री में वृद्धि और लागत में कटौती कर सकेगा। इसी साल कोयला उत्पादन शुरू होने से एल्यूमीनियम की लागत और कम होगी।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि प्रबंधन चालू वित्त वर्ष के अंत तक व्यवसायों को अलग-अलग करने के लिए आगे बढ़ रहा है। अपने व्यवसायों को छह सूचीबद्ध संस्थाओं में विभाजित करने से वेदांता को मौजूदा मूल्य से अधिक लाभ मिल सकता है।
सिटी ने कहा कि होल्डिंग कंपनी में देयता प्रबंधन से वेदांता इंडिया के बही-खातों पर भरोसा बढ़ेगा।
फिलिप कैपिटल ने कहा कि वेदांता ने अपने ऋण से जुड़े तनाव को सफलतापूर्वक हल कर लिया है और जिंस कीमतों में भी उछाल आया है, जिससे नकदी प्रवाह को और समर्थन मिला है।
उसने आगे कहा, ”हम अपने सकारात्मक नजरिये को बनाए हुए हैं, क्योंकि हमें लगता है कि जिंस कीमतों में यहां से सुधार की गुंजाइश है।”