नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार बनने पर संविधान बदलने के आरोपों से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने बगैर नाम लिए कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि जिन लोगों ने सबसे ज्यादा बार संविधान को बदला है, वो कह रहे हैं कि हम संविधान बदलेंगे। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने जीत का दावा किया। साथ ही कहा कि विरासत टैक्स किसी तरह का समाधान नहीं हो सकते और इन्हें 'खतरनाक' करार दिया। बातचीत में संविधान बदलने के आरोपों पर पीएम मोदी ने कहा, 'यह बड़ी विडंबना है कि जिन लोगों ने सबसे ज्यादा बार संविधान को बदला है, वो कहते हैं कि हम संविधान को बदल देंगे। लेकिन ऐसे सवाल पूछने से पहले आपको मेरा ट्रैक रिकॉर्ड देख लेना चाहिए।'
बातचीत में विरासत टैक्स पर उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि यह किसी भी तरह से समाधान है। असल में ये समाधान के भेष में खतरनाक समस्याएं हैं। अगर अंत में पुनर्वितरण के नाम पर सरकार आपका पैसा ले लेगी, तो क्या आप दिन-रात काम करेंगे?' उन्होंने कहा ये विचार स्टार्ट-अप की क्रांति को खत्म कर देंगे और सिर्फ विपक्ष के वोट बैंक को खुश करने का तरीका हैं।
उन्होंने कहा, 'हमारे संविधान में सभी अल्पसंख्यकों की संपत्ति की रक्षा की बात कही गई है। इसका मतलब है कि जब कांग्रेस पुनर्वितरण की बात करती है, तो वो अल्पसंख्यकों की संपत्ति को नहीं छुएगी, वह वक्फ की संपत्ति को बांटने पर विचार नहीं करेगी, लेकिन उसकी नजरें अन्य समुदायों पर होगी।' उन्होंने लोगों की संपत्ति के राहुल गांधी के सर्वे के प्रस्ताव को भी 'माओवादी विचारधारा' करार दिया है।
पीएम अपने उस बयान पर भी अडिग रहे कि मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। उन्होंने देश में समान नागरिक संहिता यानी UCC हर हाल में लागू करने की बात कही है। अखबार से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा, 'यह साफ है कि समुदायों के लिए अलग कानून समाज के लिए ठीक नहीं हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'हम ऐसा देश नहीं हो सकते, जहां एक समुदाय संविधान के समर्थन से प्रगति कर रहा हो। जबकि, दूसरा तुष्टिकरण के चलते पीछे रह गया हो। भारत में यूसीसी को सच्चाई बनाने के लिए हमारे बस में जो भी होगा हम करेंगे।'