मणिपुर
मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में रविवार सुबह जातीय संघर्ष से जूझ रहे दो समुदायों के ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच गोलीबारी हुई। पुलिस ने यह जानकारी दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना तब हुई जब कई दर्जन हथियारबंद लोगों ने कांगपोकपी जिले में निकटवर्ती पहाड़ियों से इम्फाल घाटी की परिधि में कौत्रुक गांव पर अंधाधुंध गोलीबारी की।
गोलियों और मोर्टार गोले दागे जा रहे, लोगों में दहशत
उन्होंने कहा कि कथित तौर पर कुछ गोलियों ने ग्रामीणों के घरों की दीवारों को तोड़ दिया, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को पास के सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय रूप से निर्मित मोर्टार गोले जिन्हें 'पम्पी' के नाम से जाना जाता है, भी गांव पर दागे जा रहे हैं, जिससे निवासियों में दहशत पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि कौट्रुक में गांव के स्वयंसेवकों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिससे गोलीबारी शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा कर्मियों को क्षेत्र में भेजा जा रहा है। रिपोर्ट दर्ज होने तक मुठभेड़ जारी थी।
पिछले साल 3 मई को भड़की थी हिंसा
पिछले साल 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से कौट्रुक गांव दो युद्धरत समुदायों के ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच तीव्र गोलीबारी का गवाह रहा है। इसे बंदूक हमलों के लिए सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक के रूप में पहचाना गया है। पिछले साल 3 मई से इंफाल घाटी स्थित मेइतेईस और निकटवर्ती पहाड़ियों पर स्थित कुकियों के बीच जातीय संघर्ष में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।