सागर
मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है…. इस बात को सागर के पंडित रविशंकर हायर सेकंड्री स्कूल की 312 छात्राओं ने सच कर दिखाया है. इन बेटियों ने अच्छे नबरों से बोर्ड परीक्षा पास की है.
सागर जिले में दसवीं और बारहवीं एमपी बोर्ड परीक्षा परिणाम में बेटियों का दबदबा देखने को मिला है. लेकिन एक सरकारी स्कूल में मजदूरों की बेटियों ने इतिहास रच दिया है. बुलंदी का परचम लहराने के बाद स्कूल की भारी चर्चा हो रही है. मोती नगर में स्थित पंडित रविशंकर हायर सेकेंडरी स्कूल की 312 में से 312 छात्राएं फर्स्ट डिवीजन से पास हुई हैं, जबकि 2 साल पहले इसी स्कूल में इसी कक्षा की छात्राओं का रिजल्ट 38% था, जो जिले भर में सबसे खराब स्थिति में था.
कक्षा 12वीं में विज्ञान विषय में बोर्ड परीक्षा में 85 छात्राएं सम्मिलित हुईं, जिसमें से 85 छात्राओं ने ही फर्स्ट डिवीजन पास हुई तथा 24 छात्राओं ने विशेष योग्यता प्राप्त करते हुए 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए. गणित विषय में 33 छात्राओं में से 33 छात्राएं फर्स्ट डिवीजन से पास हुईं, जिनमें 16 छात्राओं ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये. इसी तरह कला संकाय में 162 छात्राओं में से 66 छात्राओं ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए, बाकी फर्स्ट डिवीजन रहीं. वाणिजय संकाय में 32 बेटियां फर्स्ट डिवीजन से पास हुई हैं.
प्राचार्य डॉक्टर महेंद्र प्रताप तिवारी ने बताया कि सरकारी स्कूल में तो वही बच्चे पढ़ते हैं, जिनके मां-बाप के पास पैसों की कमी होती है. मजदूरी करके परिवार चलाते हैं, इनमें 90 फ़ीसदी बेटियां ऐसी है जिनके माता-पिता मजदूरी करते हैं. जिनमें कोई रिक्शा वाला है, कोई सब्जी वाला है, कोई ऑटो चालक है, कोई चौकीदार है, कोई कहीं झाड़ू लगाता है, तो कहीं कोई खाना बनाने जाता है. यह सब परेशानी होने के बावजूद उन्होंने अपनी बेटियों को स्कूल तक भेजा है, लेकिन अपने परिजनों की उम्मीद पर यह बेटियां भी खरी उतरी है.
प्राचार्य ने बताया कि स्कूल का रिजल्ट सुधारने के लिए अलग-अलग तरह के विशेष प्रयास किए गए. छात्राओं के लिए समर कैंप का आयोजन हुआ. टाइम टेबल बना कर दिए गए जो बेटियां कमजोर थी, उनके घरों पर शिक्षक भेजे गए. दस्तक अभियान चलाया गया. पढ़ाई करने वाली छात्राओं का भी खूब सहयोग मिला. यही वजह है कि आज सरकारी स्कूल का शत प्रतिशत परिणाम सामने आया ही है.
परीक्षा परिणाम सामने आने के बाद सभी छात्राओं के लिए स्कूल बुलाकर उनका स्वागत सम्मान किया गया. उनके अभिभावकों को भी बुलाया गया, अपनी उपलब्धि को बताते हुए कई छात्राएं भावुक भी हो गई, जिन्हें परिजनों ने संभाला.