नई दिल्ली
डॉक्टर बनने वाली उमीदवार यानी नीट यूजी की परीक्षा में चप्पल व सैंडल पहन सकेंगे। उन्हें जूते पहनने की अनुमति नहीं होगी। यही नहीं, पूरी आस्तीन के कपड़े भी नहीं पहन पाएंगे। सभी को ड्रेस कोड का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। ऐसा नहीं करने पर उन्हें परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा। यह परीक्षा रायपुर समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में 5 मई को होगी। इस परीक्षा को पास करने वाले काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए पात्र होंगे। वहीं मेरिट लिस्ट के अनुसार मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिया जाएगा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने नीट यूजी के लिए उमीदवारों के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड तय किया है।
छात्र-छात्राएं परीक्षा हॉल में स्वयं की पानी बोतल भी नहीं ले जा सकेंगे। यही नहीं खाने की सामग्री भी पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। छात्र जो भी लेकर जाएंगे, उन्हें परीक्षा हॉल के बाहर जमा करवा दिया जाएगा। इसकी पूरी जिमेदारी छात्रों की होगी। कोई भी दस्तावेज कम होने पर उन्हें परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा। अटेस्टेड फोटो के साथ आधार कार्ड की कॉपी व एडमिट कार्ड अनिवार्य है। अभी एडमिट कार्ड अपलोड नहीं किया गया है।
एमबीबीएस की 1910 सीटें हैं। इनमें निजी कॉलेजों में 450 सीटें हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्टेट कोटे की 82, ऑल इंडिया की 15 व सेंट्रल पुल की तीन फीसदी सीटें होती हैं। सेंट्रल पुल की सीटें केंद्र सरकार नामित करती है। वहीं निजी कॉलेजों में 42.5-42.5 फीसदी सीटें स्टेट व मैनेजमेंट तथा 15 फीसदी सीटें एनआरआई के लिए आरक्षित होती हैं। ऐसे में भी एडमिशन नीट से होगा। इसके लिए कोई अलग से परीक्षा नहीं होगी। हालांकि इसकी काउंसिलिंग दिल्ली से की जाएगी।
यह है ड्रेस कोड
1. उमीदवारों को पूरी के बजाय आधी आस्तीन की शर्ट या टी शर्ट पहनकर जाना होगा।
2. ट्राउजर व सामान्य पैंट पहन सकते हैं। वे फुल बाजू की शर्ट या टी-शर्ट, कुर्ता, पायजामा नहीं पहन सकेंगे।
3. कढ़ाई वाले, मोटी जिप व बटन वाले भारी-भरकम कपड़े नहीं पहन सकेंगे।
4. जूते के बजाय स्लीपर व सैंडल पहनना होगा।
5. छात्राओं को हल्के कपड़ों के साथ कम हील्स वाली सैंडल पहन कर परीक्षा देने जाना होगा।
6. ऊंची हील वाली सैंडिल की अनुमति नहीं दी जाएगी।
7. परीक्षा केंद्र पर झुमके, हार, कंगन, पेंडेंट जैसे गहने यानी मेटल की चीजों को पहन कर जाने से बचना उचित होगा।
8. उमीदवारों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसे मोबाइल फोन व केलकुलेटर ले जाने की अनुमति भी नहीं होगी।
9. नकल सामग्री मिलने पर छात्र का रिजल्ट रद्द कर दिया जाएगा। इससे वह काउंसिलिंग से पूरी तरह वंचित हो जाएगा। इससे छात्र का एक साल बर्बाद होना तय है।