Home खेल टोरंटो में भारतीय भूचाल, गुकेश की जीत विश्व शतरंज में बड़ा बदलाव:...

टोरंटो में भारतीय भूचाल, गुकेश की जीत विश्व शतरंज में बड़ा बदलाव: कास्परोव

1

टोरंटो में भारतीय भूचाल, गुकेश की जीत विश्व शतरंज में बड़ा बदलाव: कास्परोव

जमीनी स्तर पर गोलकीपिंग और ड्रैग-फ्लिकिंग कार्यक्रम शुरू करने के लिए हॉकी इंडिया की आभारी हूं: जसप्रीत कौर

स्पेन की महिला फुटबॉल टीम को मिला लॉरियस विश्व खेल पुरस्कार, नोवाक जोकोविच चुने गए साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

नई दिल्ली
 रूस के महान शतरंज खिलाड़ी गैरी कास्परोव ने विश्व चैंपियनशिप के लिए चुनौती पेश करने वाला सबसे युवा खिलाड़ी बनने के लिए भारत के किशोर ग्रैंडमास्टर डी गुकेश की सराहना करते हुए कहा कि 'टोरंटो में भारतीय भूचाल' आया और यह जीत विश्व शतरंज में बड़े बदलाव का संकेत है।

सत्रह साल के गुकेश ने 40 साल पहले कास्परोव के बनाए रिकॉर्ड को तोड़ा। रूसी का यह खिलाड़ी जब 22 वर्ष का था तब उन्होंने 1984 में विश्व खिताब के लिए हमवतन अनातोली कारपोव से भिड़ने के लिए क्वालीफाई किया था और वह उस समय के सबसे कम उम्र के चैलेंजर बन गए थे।

कास्परोव ने अतीत में रूस के दबदबे का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए 'एक्स' पर लिखा, ''बधाई हो! टोरंटो में भारतीय भूचाल शतरंज की दुनिया में बदलाव का संकेत है क्योंकि 17 वर्षीय डी गुकेश सर्वोच्च खिताब के लिए चीन के चैंपियन डिंग लिरेन का सामना करेंगे।''

गुकेश ने विश्व चैंपियनशिप के चैलेंजर का फैसला करने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के 14वें और अंतिम दौर में अमेरिका के हिकारू नाकामुरा के साथ आसान ड्रॉ खेला और टूर्नामेंट में संभावित 14 में से नौ अंक जुटाकर शीर्ष स्थान हासिल किया।

यह जीत गुकेश को साल की आखिरी तिमाही में मौजूदा विश्व चैंपियन लिरेन के खिलाफ मुकाबले का हकदार बनाती है।

पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने भारत में शतरंज संस्कृति को जन्म दिया और देश इस ग्रैंडमास्टर की सफलता का लाभ उठा रहा है जिसमें हजारों युवा शतरंज को अपना रहे हैं।

कास्परोव ने भारतीय शतरंज में आनंद के योगदान को स्वीकार करते हुए कहा, ''विशी आनंद के 'बच्चे' छाए हुए हैं।''

कास्परोव यहां गुकेश की सफलता के बाद ग्रैंड चेस टूर के बधाई ट्वीट का जवाब दे रहे थे।

ग्रैंड चेस टूर ने 'एक्स' पर लिखा, ''डी गुकेश को फिडे कैंडिडेट्स में उनकी जीत के लिए बधाई,उन्होंने विश्व चैंपियनशिप मैच में चैलेंजर के रूप में अपनी जगह पक्की की है। हम उत्सुकता से हमारे ग्रैंड शतरंज टूर कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी का इंतजार कर रहे हैं।''

एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में कास्परोव ने शतरंज के शक्ति केंद्र में बदलाव पर प्रकाश डालते हुए कहा, ''अमेरिका और इंग्लैंड के कई शीर्ष जूनियर खिलाड़ियों के नाम देखें, यह देखने के लिए कि चीन और भारत के प्रवासी शतरंज में उपलब्धि हासिल करने के लिए उतने ही जुनूनी हैं।''

वर्ष 1985 से 1993 तक निर्विवाद विश्व चैंपियन रहे कास्परोव ने लिखा, ''कास्परोव शतरंज फाउंडेशन ने इस लहर को बढ़ते देखा है और गुकेश की सफलता इसे और ऊपर उठाएगी।''

अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) के साथ विवाद के बाद कास्परोव ने एक प्रतिद्वंद्वी संगठन पेशेवर शतरंज संघ की स्थापना की थी। वह 1984 से 2005 में नियमित प्रतिस्पर्धी शतरंज से संन्यास लेने तक कुल मिलाकर रिकॉर्ड 255 महीनों के लिए विश्व में नंबर एक खिलाड़ी रहे।

 

जमीनी स्तर पर गोलकीपिंग और ड्रैग-फ्लिकिंग कार्यक्रम शुरू करने के लिए हॉकी इंडिया की आभारी हूं: जसप्रीत कौर

नई दिल्ली
 भारत की पूर्व महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी जसप्रीत कौर पूर्व ड्रैग-फ़्लिकरों के समूह का हिस्सा थीं, जिन्होंने इस महीने की शुरुआत में साई बेंगलुरु में हाई-परफॉर्मेंस डायरेक्टर हरमन क्रूज़ के संरक्षण में गहन प्रशिक्षण लिया था।

प्रशिक्षण सत्र हॉकी इंडिया की अनूठी पहल का एक हिस्सा था जिसका उद्देश्य पूरे देश में कोचिंग पद्धतियों को मानकीकृत करना और हॉकी प्रतिभा की अगली पीढ़ी का पोषण करना था।

कोचिंग में एकरूपता और निरंतरता सुनिश्चित करने की दृष्टि से तैयार किए गए इस कार्यक्रम में भारत के प्रतिष्ठित पूर्व गोलकीपर एड्रियन डिसूजा, भरत छेत्री, योगिता बाली, हेलेन मैरी, दीपिका मूर्ति, आकाश चिकते, पीटी राव और प्रतिष्ठित पूर्व ड्रैग-फ़्लिकर रूपिंदर पाल सिंह, गुरजिंदर सिंह, वीआर रघुनाथ, और, जसप्रीत कौर ने हिस्सा लिया।

हरमन क्रूज़ की निगरानी में, इन दिग्गजों ने अपने कोचिंग कौशल को निखारा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कोचिंग दृष्टिकोण को सुव्यवस्थित करना है, जिससे देश भर के एथलीटों को, विशेष रूप से जमीनी स्तर पर, समान बुनियादी बातों और कौशल सीखने में सक्षम बनाया जा सके, जिससे प्रशिक्षण मानकों में एकरूपता को बढ़ावा मिले।

प्रशिक्षण शिविर के अपने अनुभव को लेकर जसप्रीत ने मंगलवार को हॉकी इंडिया के हवाले से कहा, ''हॉकी इंडिया ने गोलकीपिंग और ड्रैग-फ्लिकिंग के लिए एक शानदार कार्यक्रम शुरू किया है क्योंकि वे कौशल के विभिन्न सेट हैं। इसके लिए एक विशेष तकनीक की आवश्यकता होती है। इसलिए, भारतीय हॉकी के दिग्गजों को बुलाया गया था। इस प्रशिक्षण में मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। हमें एथलीटों की पहचान करने और शरीर और गेंद के संयोजन, और ड्रैग-फ्लिकिंग के चरणों और प्रक्रियाओं के बारे में पैरामीटर बनाने के लिए कहा गया था। हमारी टीम ने उन मापदंडों को बनाया और एक मॉड्यूल बनाया, जो हमें संभावित ड्रैग-फ़्लिकर की पहचान करने में मदद करेगा।''

एक प्रशिक्षक और कोच के रूप में अपनी नई भूमिका पर पूर्व भारतीय डिफेंडर ने कहा कि वह सीख रही हैं कि एथलीटों के साथ कैसे संवाद किया जाए और उन्हें प्रगति करने के चरणों के बारे में समझाया जाए।

उन्होंने कहा, ''कोचिंग सीखने से अलग है। किसी को पढ़ाना कठिन है। कोच के रूप में यह मेरा पहला मौका है। मैं यह भी सीख रही हूं कि युवा एथलीटों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। इसलिए, मैं यह भी सीख रहा हूं कि मैं कैसे संवाद कर सकती हूं और खिलाड़ियों को समझा सकती हूं। मैं एथलीटों से उन भाषाओं में बात करने चाहती हूं, जिनमें वे सहज हैं।''

रांची में अपने शिविर के बाद, जसप्रीत इम्फाल जाने से पहले भोपाल, औरंगाबाद की यात्रा करेंगी और फिर ओडिशा के भुवनेश्वर में नेवल टाटा अकादमी जाएंगी। सभी गंतव्यों पर, वह तीन दिनों में पांच शिविर आयोजित करेंगी।

2017 के बाद हॉकी के खेल में वापसी कर रही जसप्रीत ने कहा कि वह उस खेल को वापस देना चाहती हैं जिसने उन्हें पहचान दिलाई। पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने 2011 और 2017 के बीच सीनियर भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए 13 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।

उन्होंने कहा, ''मुझे फिर से बुलाने के लिए मैं हॉकी इंडिया का आभार व्यक्त करती हूं। यह मेरे लिए हॉकी और देश को वापस भुगतान करने का समय है। खेल ने मुझे बहुत कुछ दिया है, और मैं खेल के कारण इस स्तर तक पहुंची हूं। मैं चाहती हूं कि खेल को विकसित करूँ, मां बनने के बाद महिलाएं और भी मजबूत हो जाती हैं। वापस आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और मैं पूरे दिल से युवाओं को प्रशिक्षित करना चाहती हूं और इस मौके के लिए मैं हॉकी इंडिया की आभारी हूं।''

स्पेन की महिला फुटबॉल टीम को मिला लॉरियस विश्व खेल पुरस्कार, नोवाक जोकोविच चुने गए साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

मैड्रिड
 पिछले साल पहली बार महिला फुटबॉल विश्व कप जीतने वाली स्पेन की टीम को सोमवार को लॉरियस विश्व खेल पुरस्कारों में दो और पुरस्कार मिले। स्पेन की महिला फुटबॉल टीम को 2023 के लिए दुनिया की साल की सर्वश्रेष्ठ टीम चुना गया जबकि मिडफील्डर एताना बोनमाती को सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी का पुरस्कार मिला। समारोह का आकर्षण नोवाक जोकोविच रहे जिन्हें साल के सर्वश्रेष्ठ पुरुष खिलाड़ी का पुरस्कार मिला।

अमेरिका की जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स को वापसी करने वाली सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार दिया गया। रीयाल मैड्रिड के फॉरवर्ड ज्यूड बेलिंगहैम को ‘ब्रेकथ्रू पुरस्कार’ मिला जबकि दुनिया के पूर्व नंबर एक टेनिस खिलाड़ी रफेल नडाल को उनके फाउंडेशन की बदौलत ‘स्पोर्ट फोर गुड अवार्ड’ से नवाजा गया।

जोकोविच ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन, फ्रेंच ओपन और अमेरिकी ओपन में खिताब जीतने के साथ रिकॉर्ड 24 ग्रैंड स्लैम एकल खिताब जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। उन्होंने रोजर फेडरर के रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए पांचवीं बार लॉरेस पुरस्कार जीता। लॉरेस के अनुसार नडाल के फाउंडेशन को ‘स्पेन और भारत में 1,000 से अधिक कमजोर युवाओं’ की मदद करने के लिए पुरस्कृत किया गया।