नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के विरुद्ध तीखी आपत्तियों की बौछार की है। उनका कहना है कि कांग्रेस लोगों का भरोसा हार चुकी है और इस बार नई दिल्ली सीट पर वोट नहीं देगी। यहां तक कि उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए भी आपत्ति जताई कि उनकी सीट पर कांग्रेस का उम्मीदवार नहीं है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस का शाही परिवार दिल्ली में अपनी ही पार्टी को वोट नहीं करेगा। नई दिल्ली लोकसभा सीट पर इस बार आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है।
नई दिल्ली सीट और AAP
आजादी के बाद इतने सालों में यह पहला अवसर है जब कांग्रेस पार्टी का कोई उम्मीदवार यहां मैदान में नहीं है। दिल्ली में कांग्रेस मुकाबले से बाहर है। कांग्रेस के भी कई नेता मानते हैं कि आम आदमी पार्टी आज तक नई दिल्ली लोकसभा सीट नहीं जीती है, जबकि कांग्रेस 7 बार नई दिल्ली लोकसभा का चुनाव जीत चुकी है। बावजूद इसके कांग्रेस को यह सीट छोड़नी पड़ी है। दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच हुए सीट समझौते के कारण कांग्रेस यहां मुकाबले में नहीं है। यह वही सीट हैं जहां के मतदाताओं में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका वाड्रा शामिल हैं।
गठबंधन के विरोध में कांग्रेस नेता
कांग्रेस की इस आपत्तिजनक स्थिति के पीछे कई कारण हैं। दबी जुबान में कांग्रेस के कई वरिष्ठ व स्थानीय नेता इस समझौते को लेकर अपनी आपत्ति जताते रहे हैं। शुरुआती दौर में तो दिल्ली कांग्रेस के अधिकांश नेता पूरी तरह से इस गठबंधन के विरोध में थे। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि कांग्रेस व 'आप' में हुए गठबंधन से पहले आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह व अन्य सदस्यों ने दिल्ली विधानसभा में राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग की थी, जिससे कांग्रेस को आपत्ति हुई। विधानसभा में न केवल यह प्रस्ताव रखा गया था बल्कि विधानसभा अध्यक्ष समेत आम आदमी पार्टी के अधिकांश सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन भी किया था।
सोनिया की गिरफ्तारी- केजरीवाल की मांग
यही नहीं स्वयं दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल सोनिया गांधी की गिरफ्तारी की मांग भी कर चुके हैं। कई स्थानों पर अभी भी आप व कांग्रेस के नेताओं के संबंध आपस में सहज नहीं हो सके हैं। कांग्रेस व 'आप' अभी भी पंजाब में एक-दूसरे के विरोधी हैं और अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं।
बांसुरी स्वराज या सोमनाथ भारती
भाजपा ने अब तक नई दिल्ली लोकसभा सीट पर 11 बार जीत दर्ज की है। इसके अलावा, भाजपा ने इस सीट पर बांसुरी स्वराज को उम्मीदवार बनाया है जबकि आम आदमी पार्टी ने सोमनाथ भारती को उतारा है। सोमनाथ भारती आम आदमी पार्टी के विधायक हैं और दिल्ली सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। भाजपा उम्मीदवार बांसुरी स्वराज ने वारविक विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में ग्रेजुएशन की है। उन्होंने लंदन के बीपीपी लॉ स्कूल से कानून की पढ़ाई और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सेंट कैथरीन कॉलेज से मास्टर्स की है। 'आप' के सोमनाथ भारती की बात की जाए तो वह भी पेशे से वकील हैं। वह दिल्ली की केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में वह दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं। सोमनाथ भारती ने 1997 में आईआईटी दिल्ली से एमएससी की थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की और दिल्ली हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस भी की है।