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आज हनुमान जयंती पर इस खास संयोग में करें पूजा, बन जाएंगे बिगड़े काम

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मान्यताओं के अनुसार, चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन राम भक्त हनुमान जी का अवतरण हुआ था, इसलिए हर साल चैत्र महीने की पूर्णिमा को हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है जोकि आज है. हनुमान जयंती का पर्व संकटमोचन बजरंगबली को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन हनुमान जी की कृपा पाने के लिए विशेष पूजा पाठ किए जाते हैं. मान्यता के अनुसार, इस दिन हनुमान जी की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने से भक्तों की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनके सभी प्रकार के भय और संकट दूर हो जाते हैं साथ ही ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है.

कब है हनुमान जयंती

पंचांग के अनुसार चैत्र महीने के पूर्णिमा तिथि का आरंभ आज 23 अप्रैल की सुबह 3 बजकर 25 मिनट पर होगा और इसका समापन कल 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार हनुमान जयंती का पर्व आज यानी 23 अप्रैल को मनाया जाएगा.

पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, हनुमान जी जयंती के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त आज 23 अप्रैल की सुबह 9 बजकर 3 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. और ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 20 मिनट से 5 बजकर 4 मिनट तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.

खास है ये हनुमान जयंती

इस साल हनुमान जयंती 23 अप्रैल यानी आज मनाई जाएगी . मंगलवार का दिन पड़ने के कारण इस बार हनुमान जयंती का महत्व और बढ़ गया है. इसलिए इस बार की हनुमान जयंती बेहद खास मानी जा रही है.

बन रहें हैं चित्रा और वज्र योग

मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी का जन्म चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में हुआ था. इस हनुमान जयंती पर वज्र योग बन रहा है जोकि आज 23 अप्रैल की सुबह से लेकर 24 अप्रैल की सुबह 4 बजकर 57 मिनट तक रहेगा. हनुमान जयंती पर चित्रा नक्षत्र का योग भी बन रहा है जोकि 23 अप्रैल की सुबह से शुरू होगा और रात के 10 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इसके बाद स्वाति नक्षत्र आरंभ हो जाएगा.

चित्रा नक्षत्र के स्वामी मंगल ग्रह हैं और हनुमान जी का प्रिय दिन भी मंगलवार है. और वज्र योग साहस, बल और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है. इसलिए मंगलवार के दिन, चित्रा नक्षत्र और वज्र योग में हनुमान जी के जन्म का उत्सव मनाना ही शुभ होगा. इस दिन भक्तों को पूजा का फल कई गुना बढ़कर प्राप्त होगा.