हम्पी महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में दूसरे स्थान पर
शतरंज जगत ने गुकेश को बधाई दी, कहा भावी विश्व चैम्पियन
भारतीय महिला हॉकी टीम के कोर ग्रुप में जगह बनाने पर मरीना लालरामनघाकी ने कहा-मुझे अपनी क्षमताओं पर भरोसा था
टोरंटो,
भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने संयुक्त रूप से शीर्ष पर काबिज चीन की टी लेइ को हराकर टाइब्रेकर में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में दूसरा स्थान हासिल किया।
चीन की झोंग्यी तान शीर्ष पर रही जिन्होंने यूक्रेन की अन्ना मुजिचुक से ड्रॉ खेला।
आर वैशाली लगातार पांचवीं जीत दर्ज करके संयुक्त दूसरे स्थान पर थी लेकिन टाइब्रेकर के बाद चौथे स्थान पर रही। उन्होंने रूस की कैटरीना लागनो को हराया।
तान ने नौ अंक बनाये जबकि हम्पी उनसे डेढ अंक पीछे थी। लेइ तीसरे और वैशाली चौथे स्थान पर रही। अलेक्जेंद्रा गोरियाश्किना पांचवें स्थान पर रही। लागनो छठे, बुल्गारिया की नूरगुल सलीमोवा सातवें और मुजिचुक आठवें स्थान पर रहीं।
हम्पी के सात दौर के बाद ढाई अंक ही थे लेकिन बाकी सात मैचों में उन्होंने पांच अंक बनाये।
शतरंज जगत ने गुकेश को बधाई दी, कहा भावी विश्व चैम्पियन
नई दिल्ली
टोरंटो में प्रतिष्ठित कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतकर अपना नाम इतिहास में दर्ज कराने वाले भारत के युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश को बधाई देते हुए शतरंज जगत ने उन्हें भविष्य का विश्व चैम्पियन करार दिया।
गुकेश ने अमेरिका के हिकारू नकामूरा से आखिरी दौर में ड्रॉ खेलकर टूर्नामेंट जीता और 17 वर्ष की उम्र में सबसे युवा विश्व चैलेंजर भी बन गए।
वह यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने वाले विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय बन गए। पांच बार के विश्व चैम्पियन आनंद ने 2014 में खिताब जीता था।
आनंद ने एक्स पर लिखा, ‘‘डी गुकेश को सबसे युवा चैलेंजर बनने पर बधाई। आपकी उपलब्धि पर गर्व है। मुझे निजी तौर पर तुम पर बहुत गर्व है जिस तरह से तुमने कठिन हालात में खेला। इस पल का मजा लो।''
इंग्लैंड के ग्रैंडमास्टर डेविड होवेल ने कहा कि गुकेश के खिलाफ पहला मुकाबला खेलने के बाद ही उन्हें पता चल गया था कि अपार प्रतिभा का धनी यह खिलाड़ी बड़ी उपलब्धियां अर्जित करेगा।
उन्होंने लिखा, ‘‘गुकेश को कैंडिडेट्स जीतने पर बधाई। क्या शानदार टूर्नामेंट रहा। मैं पहले ही मुकाबले से जानता था कि वह खास है। वह 12 वर्ष की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन चुका था। उसकी विश्लेषण क्षमता, परिपक्व रवैया और गणना के कौशल से मैं काफी प्रभावित हूं। भावी विश्व चैम्पियन।''
पूर्व विश्व चैम्पियन और रूसी ग्रैंडमास्टर ब्लादीमिर क्रामनिक ने लिखा, ‘‘गुकेश को बधाई और फेबि, इयान को शानदार प्रदर्शन के लिये खास पुरस्कार। सबसे रोमांचक मुकाबलों में से एक। सभी जांबाजों को बधाई। जिस तरह से उन्होंने खेला, वही सबसे अहम है।''
महिला वर्ग में दूसरे स्थान पर रही भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने लिखा, ‘‘डी गुकेश को सबसे युवा चैलेंजर बनने पर बधाई।''
द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच रामाचंद्रन रमेश ने कहा, ‘‘युवा डी गुकेश को कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने पर बधाई। प्रेरक प्रदर्शन। पूरे देश को तुम पर गर्व है।''
भारतीय महिला हॉकी टीम के कोर ग्रुप में जगह बनाने पर मरीना लालरामनघाकी ने कहा-मुझे अपनी क्षमताओं पर भरोसा था
नई दिल्ली
मिजोरम की युवा और ऊर्जावान मिडफील्डर मरीना लालरामनघाकी ने हाल ही में 33 सदस्यीय भारतीय महिला हॉकी टीम के कोर ग्रुप में जगह बनाई है, जो वर्तमान में बेंगलुरु में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में प्रशिक्षण ले रही है।
हॉकी मिजोरम की 22 वर्षीय मिडफील्डर मरीना ने पुणे में 14वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने तीन गोल किए और इस तरह मैदान पर अपनी चपलता और रणनीतिक खेल से सबका ध्यान आकर्षित किया। मरीना ने एफआईएच हॉकी महिला जूनियर विश्व कप 2021 और 2019 में ऑस्ट्रेलिया में अंडर-21 तीन राष्ट्रों के आमंत्रण टूर्नामेंट में देश का प्रतिनिधित्व किया।
अपने चयन पर मरीना ने हॉकी इंडिया के हवाले से कहा, जब मुझे कोर ग्रुप में मेरे चयन की खबर मिली तो मैं खुशी से अभिभूत हो गई। यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा क्षण था, और मेरी आँखों में खुशी के आँसू भर आए। मेरी क्षमताओं और सफल परीक्षणों ने मेरे विश्वास की पुष्टि की।
आगामी टूर्नामेंटों पर नजर रखते हुए, मरीना आगे की चुनौतियों के लिए 18 सदस्यीय भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, मेरा अंतिम लक्ष्य 2026 महिला एफआईएच हॉकी विश्व कप और 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की सफलता में योगदान देना है। हालांकि, वर्तमान में, मेरा ध्यान भारतीय टीम में जगह बनाना है। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने और अपने देश को गौरवान्वित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं।
हॉकी में मरीना का सफर 10 साल की उम्र में स्कूल के दिनों से शुरू हुआ। उनकी प्रतिभा को जल्द ही पहचाना गया, जिससे उनका चयन मिज़ोरम के थेनज़ॉल में साई महिला हॉकी अकादमी में हो गया। वह अपनी प्रेरणा का श्रेय लालरेम्सियामी को देती हैं और भारतीय टीम की मिडफील्डर सुशीला चानू को अपना आदर्श मानती हैं।
मरीना ने कहा, लालरेम्सियामी, जिनकी मिजोरम की यात्रा मेरे साथ गहराई से मेल खाती है, ने मुझे हॉकी में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया, उनके अथक समर्पण और उल्लेखनीय उपलब्धियों ने एक मार्गदर्शक के रूप में काम किया, जिससे मुझमें विश्वास पैदा हुआ। लगन और कड़ी मेहनत से सपनों को हकीकत में बदला जा सकता है।"
उन्होंने आगे कहा, इसके अलावा, मैंने हमेशा भारतीय टीम की मिडफील्डर सुशीला चानू को एक आदर्श के रूप में देखा है। उनके असाधारण कौशल, क्षमताओं और खेल के प्रति प्रतिबद्धता ने मुझ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। मैं मैदान पर उनकी सफलता का अनुकरण और भारतीय हॉकी की विरासत में योगदान करने की इच्छा रखती हूं।