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महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय, होली-दिवाली समेत हर त्योहार के लिए नई गाइडलाइन होगी तैयार

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उज्जैन
महाकाल मंदिर में भस्म आरती सहित सामान्य दर्शन व्यवस्था में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है। कलेक्टर नीरज सिंह की अध्यक्षता में हुई मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में मंदिर के मानसरोवर भवन में 10 बेड का अस्पताल स्थापित करने, मई के पहले सप्ताह में उत्तम वर्षा के लिए सौमिक सुवृष्टि कार्यक्रम आयोजित करने, बुजुर्ग और दिव्यांग दर्शनार्थियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने और महाकाल मंदिर को संपत्तिकर से मुक्त कराने के लिए कार्यवाही करने जैसे निर्णय हुए।
 
हाल में धुलेंडी पर हुए अग्निकांड के बाद मंदिर में विभिन्न पर्व मनाने के लिए एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर) बनाने पर भी निर्णय हुआ। इसके तहत अब विभिन्न पर्व तय गाइडलाइन के अनुसार ही मनाए जाएंगे। बता दें कि मंदिर प्रबंध समिति की बैठक शनिवार शाम को आयोजित होने वाली थी, किंतु अपरिहार्य कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था। रविवार दोपहर कलेक्टर सहित मंदिर प्रशासक मृणाल मीना, निगम आयुक्त आशीष पाठक व समिति सदस्यों की मौजूदगी में बैठक हुई।

सेवक सत्यनारायण सोनी के लिए रखा गया मौन
धुलेंडी के दिन हुए अग्निकांड में सेवक सत्यनारायण सोनी की मृत्यु पर सदस्यों ने एक मिनट का मौन रख उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनकी पत्नी सीताबाई को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। बैठक में प्रमुख रूप से चार से नौ मई तक होने वाले सौमिक सुवृष्टि कार्यक्रम को लेकर चर्चा हुई। इसके लिए 25 लाख रुपये मंदिर समिति की ओर से खर्च किए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत के भी आने की संभावना है। इसलिए तैयारी अभी से शुरू हो गई है।

यह भी निर्णय
महाकाल मंदिर में होली, दीपावली, श्रावण, नागपंचमी आदि पर्व मनाए जाने के लिए नई गाइडलाइन तैयार होगी, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो। इसके लिए पुजारी, पुरोहितों से भी सुझाव लिए जाएंगे।

वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश मार्गों के चिह्नित स्थानों पर अलग से प्रतीक्षालय बनाए जाएंगे। यहां से सतत इ-कार्ट चलाए जाएंगे। नए इ-कार्ट भी खरीदे जाएंगे।

मंगलनाथ, चिंतामण गणेश, कालभैरव मंदिर आदि की तर्ज पर महाकाल मंदिर को भी नगर निगम द्वारा वसूले जाने वाले संपत्ति कर से मुक्त किए जाने की कार्यवाही शुरू होगी।

चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने के कारण फिलहाल अभी सारी निविदाएं छह महीने के लिए आगे बढ़ा दी गई हैं।

मंदिर समिति के कुछ कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की गई।