नई दिल्ली
मार्च के बाद अप्रैल भी धीरे धीरे खत्म होने की ओर बढ़ रहा है, लेकिन अधिकतम तापमान अभी भी नियंत्रण में ही है।
थोड़े-थोड़े अंतराल पर एक के बाद एक आ रहे पश्चिमी विक्षोभों ने अबकी बार गर्मी की चुभन को अभी तक बढ़ने नहीं दिया है। लेकिन अब यह राहत बहुत लंबी नहीं चलने वाली। सिर्फ दो तीन दिन के बाद गर्मी ही नहीं, तापमान में भी वृद्धि होने लगेगी। मई एवं जून खासी तपिश भरे हो सकते हैं।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि एनसीआर सहित उत्तर भारत के तमाम हिस्सों में पश्चिमी विक्षोभ से मिल रही राहत का दौर समाप्त होने को है।
मई में 45 डिग्री के पार पहुंचेगा पारा
आजकल में एक और पश्चिमी विक्षोभ हिमालयी क्षेत्रों पर दस्तक दे रहा है। दो तीन दिन इसका असर उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों पर भी नजर आएगा 22 अप्रैल से गर्मी और तापमान में वृद्धि होने लगेगी।
माह के अंत तक अधिकतम तापमान 40 डिग्री पार हो जाएगा तो मई में इसके 45 डिग्री पार चले जाने के आसार हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार अप्रैल में अपेक्षाकृत पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा आए, लेकिन इसकी कोई खास वजह नहीं है, पश्चिमी विक्षोभों के घटने-बढ़ने का क्रम ऐसे ही चलता रहता है।
देश के अधिकांश हिस्से में सामान्य से अधिक तापमान रिकॉर्ड किए जाने की संभावना
मौसम विभाग का अनुमान है कि भारत में इस साल गर्मी के मौसम (अप्रैल से जून) में औसत से अधिक गर्मी के दिन देखने को मिलेंगे। देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रिकॉर्ड किए जाने की संभावना है।
अनुमान है कि गर्मी का सर्वाधिक असर दक्षिणी हिस्से, मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों पर पड़ेगा। इसका मतलब ये हुआ कि देश के मैदानी इलाके इस बार हर साल से ज्यादा तपने वाले हैं।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान में यह भी कहा गया है कि पूर्व एवं उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्सों और उत्तर-पश्चिम के कुछ हिस्सों को छोड़ कर देश के ज्यादातर इलाकों में गर्मी ज्यादा ही रहेगी। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा।
10-20 दिन चलेगी लू, इन राज्यों पर सबसे बुरा असर
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र बताते हैं, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तरी ओडिशा के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।
मैदानी इलाकों के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्म हवा चलने की संभावना है। देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्यतया चार से आठ दिनों की तुलना में 10 से 20 दिन तक लू चलने का अनुमान है।
गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़ एवं आंध्र प्रदेश में सबसे बुरा असर पड़ सकता है।